बकरीद के दिन जावेद ने गाय काटकर WhatsApp स्टेटस पर लगाया फोटो, केस दर्ज होते ही हुआ फरार

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हिमाचल प्रदेश
शिमलास्वराज टुडे: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में बकरीद (17 जून) के दिन गाय काटने के आरोप में जावेद नाम के एक मुस्लिम युवक को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस घटना से हिंदू अधिकार संगठनों में रोष फैल गया है।

इन समूहों के अनुसार, नाहन में कपड़ों की दुकान चलाने वाले जावेद ने गाय का वध किया और फिर अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर इसकी तस्वीर पोस्ट की। इसके जवाब में हिंदू संगठनों ने जावेद की दुकान के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। फिलहाल जावेद फरार है।

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले जावेद पिछले डेढ़ साल से हिमाचल प्रदेश के नाहन में रेडीमेड गारमेंट की दुकान चला रहा है। बकरीद पर जावेद ने अपने व्हाट्सऐप स्टेटस पर एक जानवर की कुर्बानी की तस्वीरें शेयर कीं। तस्वीर में वह मुस्कुराते हुए एक कटे हुए जानवर के पास चाकू पकड़े हुए दिखाई दे रहा है, और बैकग्राउंड में कई लोग दिखाई दे रहे हैं। हिंदू अधिकार संगठनों का दावा है कि जावेद ने गाय का वध किया और अपने व्हाट्सएप पर इस कृत्य का प्रचार किया। उन्होंने नाहन में जावेद की दुकान पर विरोध प्रदर्शन किया, उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि उसे नाहन में फिर कभी व्यवसाय करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

घटना के बाद जावेद नाहन से फरार हो गया है और पुलिस फिलहाल उसकी तलाश कर रही है। हिंदू संगठनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। नाहन थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) ने बताया कि ऐसा लगता है कि जावेद ने नाहन में बलि नहीं दी। जावेद के ठिकाने और बलि दिए गए जानवर की खासियत का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। SHO ने बताया कि नाहन में स्थानीय समुदाय जावेद की कथित हरकतों से बेहद परेशान है।

हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें जावेद की दुकान के सामने बड़ी संख्या में भीड़ जमा दिखाई दे रही है। हिंदू संगठन नाहन में दुकानें खोलने की इच्छा रखने वाले अन्य समुदायों के बाहरी लोगों के लिए सख्त सत्यापन प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं, उनका सुझाव है कि प्रशासन की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होनी चाहिए।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यकर्ता ने दावा किया कि बाहरी मुस्लिम लोग नाहन समेत पूरे हिमाचल प्रदेश में ऊंची दरों पर दुकानें किराए पर ले रहे हैं। उन्होंने इन लोगों पर आरोप लगाया कि वे आम लोगों की पहुंच से बाहर की कीमतों पर किराए पर संपत्तियां हासिल करके सामाजिक शांति को भंग कर रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जावेद के खिलाफ कार्रवाई की संभावना का भी जिक्र किया।

बता दें कि, भारत के 28 राज्यों में से 20 राज्यों में गायों के वध या बिक्री पर रोक लगाने वाले, वध की गई गाय के अधिनियम को विनियमित करने वाले विभिन्न कानून हैं, जिन्हे अदालत ने भी बरक़रार रखा है। हालाँकि, बंगाल, केरल, तमिलनाडु ये कुछ राज्य हैं, जहाँ राज्य सरकारों ने गौहत्या की अनुमति दे रखी है। वहीं, भारत में मौजूदा मांस निर्यात नीति के मुताबिक, गोमांस (गाय, बैल और बछड़े का मांस) का निर्यात पूर्णतः प्रतिबंधित है। मांस में अस्थि, शव, भैंस का आधा शव भी प्रतिबंधित है और इसे निर्यात करने की अनुमति नहीं है। निर्यात के लिए केवल भैंस के कमजोर मांस, बकरी और भेड़ और पक्षियों के मांस की इजाजत है। भैंस के मांस को भी BEEF और रेड मीट कहा जाता है, जिसे कुछ लोग गौमांस समझ लेते हैं।

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दीपक साहू

संपादक

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