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इस गांव का सरपंच ही ग्रामीणों से बनवा रहा खुलेआम अवैध महुआ शराब, ऐसे कैसे होगा गाँव का विकास !

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रायपुर/स्वराज टुडे: जहां एक ओर कलेक्टर कार्तिकेय गोयल और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार द्वारा लगातार महुआ शराब और अवैध कार्यों पर कार्यवाही की जा रही है और खासकर उन ग्रामीण क्षेत्रों में जो हाथी प्रभावित है ।

आपको बता दें कि यह क्षेत्र महुआ शराब के लिए पूर्णत प्रतिबंधित है। ऐसे में छाल थाना क्षेत्र के बोजिया पंचायत के जन प्रतिनिधि अपने ग्राम पंचायत में खुलेआम महुआ शराब का निर्माण और विक्रय करवा रहे है। जिसके कारण आए दिन शराब के नशे में वहां कई बार खून खराबा व मारपीट के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसा नहीं कि मामला पुलिसवालों की नजर से छुपी है । यहां सवाल उठता है कि नशे के इन सौदागरों के विरुद्ध कार्रवाई करने में छाल पुलिस के हाथ पांव क्यों फूल जाते हैं ।

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में नशे के काले कारोबार पर कार्रवाई न होने को जनप्रतिनिधियों का थाने पर दबाव बताया जाता है। बीती रात फिर एक घटना बोजिया पंचायत रामनगर बस्ती में शराब बनाने को लेकर हुई। इसकी शिकायत जब अगली सुबह छाल पुलिस से की गई तब छाल थाना से पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची।

इस दौरान धर्मजयगढ़ जनपद उपाध्यक्ष रमेश अग्रवाल और बोजिया सरपंच मानमोती बाई राठिया और उनके पति नंदू द्वारा मौके पर जाकर पुलिस को वापस भेज दिया गया। वही इसका वीडियो बनाने पर एक महिला पत्रकार के मोबाइल को सरपंच द्वारा छीन लिया गया और बोला गया कि यह हमारे गांव का मामला है । तुम लोग यहां से जाओ। शराब कोई बंद नही करा सकता ना पुलिस ना कोई प्रेस । यहां के लोग शराब बेचकर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं।

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अब आप अंदाजा लगा लीजिए जिस ग्राम पंचायत के सरपंच जनप्रतिनिधि खुद शराब बनवा कर बिक्री करवाते हो उस ग्राम पंचायत का भविष्य क्या हो सकता है। जहां एक ओर छाल थाना अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में महिलाओं ने अपने ग्राम पंचायत को नशा मुक्त किया। वही मानमोती राठिया द्वारा इस अवैध धंधे को रोजी-रोटी बता उन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है।

हमारे संविधान के तहत जनप्रतिनिधियों का चयन इसलिए किया जाता है ताकि उस क्षेत्र में लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। उस क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई जा सके ताकि लोगों की जीवन शैली में अमूल चूल परिवर्तन हो लेकिन जब जनप्रतिनिधि ही शराब के अवैध निर्माण और बिक्री में लिप्त होंगे तो ऐसे ग्राम पंचायत का भविष्य कैसा होगा यह आसानी से समझा जा सकता है ।

 

Deepak Sahu

Editor in Chief

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