उत्तरप्रदेश
नोएडा/स्वराज टुडे: नोएडा के एक गांव में अचानक हंगामा मच गया. जैसे ही गांव के लोग मंदिर के पास एकत्र हुए, पूरे इलाके में तनाव फैल गया। वजह ये थी कि मंदिर के अंदर एक कटा हुआ मुर्गे का शव मिला था.
सभी के मन में एक ही सवाल था कि मंदिर में मुर्गे को किसने मारा और कटे हुए मुर्गे को वहां किसने और क्यों छोड़ दिया? लेकिन लोगों के सवाल उससे भी बड़े थे. क्या किसी ने यह मनगढ़ंत कहानी रची है? क्या कोई गांव की शांति को आग लगाना चाहता है?
मंदिर के अंदर कटा हुआ चिकन
दरअसल, बहलोलपुर थाना क्षेत्र के पुश्ता रोड पर बने मंदिर में शाम को जब लोग पूजा आरती के लिए पहुंचे तो उन्होंने देखा कि मंदिर के अंदर कटा हुआ मुर्गा पड़ा था और चारों तरफ खून फैला हुआ था. देखते ही देखते यह बात पूरे बहलोलपुर और उसके आसपास के गांवों में जंगल की आग की तरह फैल गई, आसपास के ग्रामीण भी मंदिर पर पहुंच गए, देखते ही देखते सैकड़ों लोग मंदिर के पास जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे।
लोग मंदिर के बाहर जमा हो गए
इन सवालों को लेकर गांव के लोग काफी देर तक न सिर्फ वहां जुटे रहे बल्कि नारेबाजी भी करते रहे. मंदिर में बहता खून लोगों का खून खौल रहा था।जल्द ही खबर सेक्टर 63 थाने तक पहुंच गई और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. इतना ही नहीं, एहतियात के तौर पर नोएडा के कई थानों की पुलिस को भी मौके पर बुला लिया गया।
पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत कराया
पुलिस ने सबसे पहले लोगों को किसी तरह शांत कराया और उन्हें आश्वासन दिया कि वे जल्द ही पूरे मामले का पता लगा लेंगे. पुलिस के आश्वासन के बाद लोग शांत हुए लेकिन पुलिस की कोशिशें तेज हो गयीं. इसके बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई. और इसके बाद पुलिस जांच में जो सच सामने आया उसने सभी को चौंका दिया.
सीसीटीवी से सामने आया सच
सेंट्रल नोएडा डीसीपी के मुताबिक, पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में एक कार दिखी. जिसमें से एक वृद्ध महिला दो छोटी बच्चियों के साथ उतरी और मंदिर में चली गयी. पुलिस ने कार नंबर के जरिए महिला का भी पता लगा लिया। पुलिस ने महिला को थाने बुलाया और पूछताछ की. महिला बहलोलपुर गांव की निवासी बताई गई। पति की मृत्यु के बाद वह गाजियाबाद चली गईं। महिला ने खुद पुलिस को बताया कि शादी के बाद उसके ससुराल वालों ने उससे कहा था कि जब भी कोई मन्नत पूरी हो तो पूजा के बाद मंदिर में जिंदा मुर्गा छोड़ा जाए. इसलिए, अपनी एक मन्नत पूरी होने के बाद, होली के दूसरे दिन, वह बहलोलपुर गांव के उसी मंदिर में आई और पूजा करने के बाद, उसने मंदिर में एक जीवित मुर्गा छोड़ दिया। महिला ने पुलिस को स्पष्ट किया कि उसने मुर्गे की बलि नहीं दी है और जब वह मंदिर में पूजा कर रही थी तो उसकी दो बेटियां और पोती भी वहां मौजूद थीं।
महिला ने मंदिर में जिंदा मुर्गा छोड़ दिया था
इतना ही नहीं उसने अपनी पूजा और जिंदा मुर्गे को मंदिर में छोड़ने का वीडियो भी बनाया. जांच करते हुए जब पुलिस महिला के पास पहुंची तो उसने अपना बनाया वीडियो भी पुलिस को दिखाया. पुलिस वीडियो लेकर वापस गांव आई और ग्रामीणों को वीडियो दिखाया और मौजूद लोगों को महिला की पूजा विधि के बारे में बताया. यह देखकर गांव वाले संतुष्ट हो गए, लेकिन एक सवाल बना रहा कि जब महिला ने जीवित मुर्गे को ही मंदिर में छोड़ दिया, तो उसे किसने काटा और मंदिर में खून किसने फैलाया।
पुलिस को पता चल गया कि उसकी हत्या किसने की
अब पुलिस के सामने भी यही सवाल था. लेकिन फिर पुलिस को इस सवाल का जवाब भी मिल गया. पुलिस को पता चला कि मंदिर के आसपास आवारा कुत्तों ने जिंदा मुर्गी का शिकार कर लिया है और उसे मारकर खा गये हैं. कुत्तों ने ही मुर्गे का शिकार किया और उसके पंख फाड़ दिए, जिससे मुर्गे का खून पूरे मंदिर में फैल गया। जब पुलिस ने गांव वालों को अपनी जांच की सारी बातें बताईं और महिला को गांव वालों के सामने बैठकर बात करने को कहा तो मामला शांत हुआ और लोग अपने-अपने घर लौट गए. बवाल टलने से पुलिस ने भी राहत की सांस ली।
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