क्या कुछ इंसानों पर नहीं होता है सांप के जहर का असर ? 272 बार काटने पर भी जिंदा था ये इंसान

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इंसान सांप से इसीलिए डरते हैं क्योंकि उनमें जहर होता है. इंसानों को पता है कि अगर जहरीले सांप ने उन्हें काट लिया तो उनकी जान पर बन आएगी. हालांकि, कुछ इंसान ऐसे भी होते हैं, जिन पर सांपों के जहर का असर नहीं होता.

आपने इतिहास में कई ऐसे किरदारों के बारे में पढ़ा होगा जिन पर सांपों के जहर या किसी भी जहर का असर नहीं होता था. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें जहर से बचने के लिए शुरू से ही तैयार किया जाता था. लेकिन आज हम आपको ऐसे भारतीय के बारे में बताएंगे जिसे 272 बार सांप ने काटा लेकिन उन्हें कुछ नहीं हुआ.

हिमाचल प्रदेश के अमर सिंह

हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं वो हिमाचल प्रदेश के अमर सिंह हैं. साल 2003 में जब इनके बारे में पता चला तो इंटरनेशनल मीडिया ने भी इन्हें कवर किया. उस वक्त 92 साल के अमर सिंह का दावा था कि उन्हें बचपन से अब तक 272 बार सांप ने काटा, लेकिन सांप के जहर का उनपर कोई असर नहीं हुआ.

अमर सिंह ने उस वक्त मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सांप के जहर का असर उन पर इसलिए नहीं होता, क्योंकि वह शुरू से ही नमक नहीं खाते. उनका मानना था कि अगर आप नमक नहीं खाते तो आप पर भी सांप के जहर का असर नहीं होगा. हालांकि, विज्ञान इस बात को नहीं मानता.

विज्ञान का मानना है कि अगर किसी जहरीले सांप ने आपको काट लिया तो आप पर उस जहर का असर होना तय है. ये जरूर हो सकता है कि किसी व्यक्ति पर इस जहर का असर ज्यादा हो और किसी व्यक्ति पर इस जहर का असर कम हो. चलिए अब आपको इतिहास के उन किरदारों के बारे में बताते हैं, जिन्हें लेकर दावा किया जाता है कि उन पर भी किसी जहर का असर नहीं होता था.

चन्द्रगुप्त पर नहीं होता था जहर का असर

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सम्राट चंद्रगुप्त के गुरु चाणक्य उन्हें बचपन से ही एक सीमित मात्रा में जहर की खुराक दिया करते थे. चाणक्य ऐसा इसलिए करते थे, ताकि भविष्य में अगर कभी चंद्रगुप्त को जहर देकर मारने की कोशिश की जाए तो चंद्रगुप्त के शरीर में उस जहर से लड़ने की क्षमता पहले से ही उत्पन्न हो.

विषकन्याओं के बारे में भी यही कहा जाता था

इतिहास में आपको विषकन्याओं के बारे में काफी कुछ पढ़ने को मिलता है. ये हत्यारे के किरदार में हुआ करती थीं. जो लोग विषकन्याओं को बनाते थे, वह पैसे लेकर इनके उपयोग से किसी की भी हत्या कर देते थे. दरअसल, इन विषकन्याओं को बनाने के लिए उन्हें बचपन से ही जहर दिया जाता था. बड़ी होते-होते ये इतनी जहरीली हो जाती थीं, कि अगर इनके नाखून से किसी को खरोच भी लग जाए तो उसकी मौत हो जाती थी. हालांकि, कई इतिहासकार विषकन्या के किरदार पर विश्वास नहीं करते. उनका मानना है कि ये एक मनगढ़ंत किरदार है.

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दीपक साहू

संपादक

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