WHO की बड़ी चेतावनी, भारत के 3 कफ सिरप बच्चों के लिए जानलेवा घोषित, तुरंत नाम नोट कर लीजिए

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विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि WHO ने भारत में तीन ऐसे कफ सिरप की पहचान की है, जो बच्चों के लिए जानलेवा हैं। इनमें से एक वही है, जिसको पीने से 23 बच्चों की मौत हुई है। दरअसल, Coldrif कफ सिरप में जहरीले केमिकल की मात्रा 500 प्रतिशत ज्यादा पाई गई थी।

छिंदवाड़ा/स्वराज टुडे: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में तीन कफ सिरप की पहचान की है, जिनमें मिलावट पाई गई है। यह घटना मध्य प्रदेश में कई बच्चों की मौत के बाद सामने आई है, जिनकी मौत मिलावटी कफ सिरप के सेवन से हुई थी। WHO ने अधिकारियों से आग्रह किया है कि यदि उनके देशों में इनमें से कोई भी सिरप पाया जाता है तो वे स्वास्थ्य एजेंसी को रिपोर्ट करें।

कोल्ड्रिफ सिरप भी शामिल

इन तीन दूषित सिरप में कुख्यात कोल्ड्रिफ सिरप भी शामिल है, जो हाल ही में बच्चों की मौत के बाद बड़े पैमाने पर आलोचना का शिकार हुआ था। वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने विशेष रूप से स्रेसन फार्मास्यूटिकल्स के कोल्ड्रिफ, रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स के रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा के रिलाइफ के प्रभावित बैचों की पहचान की है।

23 बच्चों की मौत का कारण

श्रेसन फार्मास्यूटिकल्स तमिलनाडु स्थित एक फर्म है, जिसका लाइसेंस हाल ही में बच्चों की मौत के बाद पूरी तरह से रद्द कर दिया गया था। लैब परीक्षणों में कोल्ड्रिफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) का उपयोग पाया गया था। यह रसायन ऐतिहासिक रूप से बड़े पैमाने पर विषाक्तता की घटनाओं से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परसिया गांव के निवासियों सहित कम से कम 23 बच्चों की मौत इसी सिरप से जुड़ी थी।

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ग्लोबल अलर्ट जारी करेगा WHO

एक समाचार एजेंसी की मानें तो, WHO ने कहा है कि भारत में पहचाने गए ये सिरप महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं और गंभीर, संभावित रूप से जानलेवा बीमारी का कारण बन सकते हैं। बच्चों की मौत और कोल्ड्रिफ के निर्माता के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर, वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी ने पहले भारतीय अधिकारियों से पूछा था कि क्या यह सिरप अन्य देशों को निर्यात किया गया था। WHO भारत से प्राप्त जानकारी के आधार पर एक ग्लोबल मेडिकल प्रोडक्ट्स अलर्ट जारी करेगा।

500 गुना अधिक मात्रा में था केमिकल

हालांकि अब सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने WHO को सूचित किया है कि सिरप में जहरीला डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) स्वीकार्य सीमा से लगभग 500 गुना अधिक मात्रा में था। यह सिरप मध्य प्रदेश में हाल ही में मरने वाले पांच साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा सेवन किया गया था।

भारत से निर्यात नहीं हुई कोई दूषित दवा

भारतीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने यह स्पष्ट किया कि दूषित दवाओं में से कोई भी भारत से निर्यात नहीं की गई थी। अमेरिका ने भी पुष्टि की है कि जहरीले कफ सिरप उन्हें नहीं भेजे गए थे। तमिलनाडु में निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप ने हाल ही में मध्य प्रदेश में कई बच्चों की मौत के बाद बड़ी चिंता पैदा की थी। परीक्षणों से पता चला कि यह जहरीले रसायन डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) से खतरनाक रूप से दूषित था। इसकी सांद्रता 48% से अधिक थी, जो स्वीकार्य सीमा 0.1% से बहुत अधिक थी।

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दीपक साहू

संपादक

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