_’छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ, जिला इकाई रायगढ़, विकासखंड तमनार द्वारा लैलूंगा विधायक श्रीमती विद्यावती कुंजबिहारी सिदार और वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी को सौंपा गया ज्ञापन’_
रायगढ़/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ प्रदेश एन.एच.एम. कर्मचारी संघ, जिला इकाई रायगढ़ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर एक बार फिर सशक्त आवाज बुलंद की है। रविवार को लैलूंगा विधायक श्रीमती विद्यावती कुंजबिहारी सिदार को विधानसभा में प्रश्न उठाने हेतु ज्ञापन सौंपा गया, जिसे उन्होंने संवेदनशीलता के साथ स्वीकार किया। वहीं, बुधवार को प्रदेश के वित्त मंत्री और रायगढ़ विधायक श्री ओ.पी. चैधरी को 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, नियमितीकरण, ग्रेड पे और अन्य मांगों के लिए ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई गई।
ज्ञापन सौंपने में नितेश यादव, डॉ. सिकंदर सोनवानी, डॉ. अशोक देवांगन, दिनेश कुमार साहू, पूजा गोस्वामी, तेजपाल बेहरा, कविता कंवर, पंकज लकड़ा, डॉ. सपना पटेल और सुनील कुमार एक्का का विशेष सहयोग रहा।
’20 वर्षों का समर्पण, अनसुनी मांगें’
12 अप्रैल 2005 को शुरू हुआ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) आज स्वास्थ्य सेवाओं का मजबूत आधार है, लेकिन इसकी रीढ़ कहे जाने वाले संविदा कर्मचारी अनिश्चितता के अंधेरे में भटक रहे हैं। अल्प वेतन में 8 घंटे से अधिक की कठिन ड्यूटी, आपातकालीन सेवाएं, संस्थागत प्रसव, हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में ये कर्मचारी अपने खून-पसीने से जनसेवा कर रहे हैं।
’लंबित मांगों का बोझ’
एन.एच.एम. कर्मचारी संघ दो दशकों से नियमितीकरण, 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, ग्रेड पे, अनुकंपा नियुक्ति, चिकित्सा सुविधा, बीमा और 17 सूत्रीय मांगों के लिए संघर्षरत है। पूर्व सरकार द्वारा 19 जुलाई 2023 को अनुपूरक बजट में घोषित 27ः वेतन वृद्धि आज तक अधूरी है। विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री को बार-बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन समाधान नहीं मिला। इससे कर्मचारियों में गहरा आक्रोश और निराशा व्याप्त है।
‘आंदोलन की चेतावनी’
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने मार्मिक अपील करते हुए कहा, “न्यूनतम वेतन और सुविधाओं के अभाव में कर्मचारी अपने परिवारों का पेट पालने और सेवा करने के बीच पिस रहे हैं। यदि मांगें शीघ्र पूरी नहीं हुईं, तो जुलाई में विधानसभा और स्वास्थ्य भवन का घेराव होगा। विशाल क्रमबद्ध आंदोलन और हड़ताल की रणनीति तैयार है।”
’17 सूत्रीय मांगेंः’
1. नियमितीकरण
2. पे-स्केलध्ग्रेड पे का निर्धारण
3. लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि का भुगतान
4. वेतन विसंगति का समाधान
5. सेवा पुस्तिका का निर्धारण
6. कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता और सुधार
7. वेतन पुनरीक्षण
8. तबादला व्यवस्था में सुधार
9. चिकित्सा परिचर्या
10. अवकाश नियम में संशोधन
11. अनुकंपा नियुक्ति
12. पदोन्नति और भर्ती में छूट
13. अनुकंपा अनुदान में वृद्धि
14. रुके 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि का भुगतान
15. ई.पी.एफ. का लाभ
16. मुख्यालय निवास नियम में संशोधन
17. शासकीय आवास आवंटन
‘‘ट्रिपल इंजन सरकार‘‘ से टूट रही उम्मीदें’’
कर्मचारियों का कहना है कि “ट्रिपल इंजन सरकार” के बड़े-बड़े वादों के बावजूद उनकी समस्याएं अनसुलझी हैं। विभागीय मंत्री की इस मामले में हठधर्मिता जगजाहिर है, वही विभागीय उच्च अधिकारी भी कमेटी-कमेटी खेल शायद टाईम-पास कर रहे है, हर दिन नए नियम लागू किए जा रहे है, पर कर्मचारी सुविधाओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, स्वास्थ्य विभाग की धड़कन कहे जाने वाले एन एच एम कर्मचारी अब अपने हक के लिए निर्णायक संघर्ष की राह पर हैं।
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