वीर बाल दिवस: दुनिया की सबसे महंगी जमीन है 4 स्‍क्‍वायर मीटर का यह टुकड़ा, 2 मासूम बच्‍चों का हुआ था अंतिम संस्‍कार, सोने की मोहरें बिछाकर तय हुई थी कीमत

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भारत ऐसे ही नहीं बना है, इसमें असंख्‍य लोगों का बलिदान शामिल है. जिनमें वयस्‍क ही नहीं बच्‍चे भी शामिल हैं. देश को आजाद रखने में भारत माता की मिट्टी में इन बच्‍चों का लहू भी मिला हुआ है.

आज वीर बाल दिवस के मौके पर हम इतिहास के उन पन्‍नों को पलटते हैं, जिसमें 2 मासूम और बेहद बहादुर बच्‍चों की कहानी लिखी हुई है, जिनकी शहादत आज भी अनगिनत लोगों के लिए प्रेरणा स्‍त्रोत है. साथ ही जिस जगह पर इन बच्‍चों का अंतिम संस्‍कार किया गया था, वह पवित्र भूमि सदियों बाद भी दुनिया की सबसे महंगी जमीन है.

बच्‍चों को मुगलों ने कर लिया था गिरफ्तार

मुगल काल में जब सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह जी ने श्री आनंदपुर किला छोड़ा तो उनका परिवार सिरसा नदी पर बिछड़ गया था. उनके 2 बड़े साहिबजादे तो उनके साथ रहे लेकिन 2 छोटे साहिबजादे माता गुजरी के साथ पीछे रह गए. तब साल 1705 में मुगलों ने दोनों साहिबजादों जोरावर सिंह (6 साल), फतेह सिंह (9 साल) को माता गुजरी को गांव सहेड़ी के पास गिरफ्तार कर लिया और उन्हें फतेहगढ़ साहिब ले जाया गया.

यहां उन तीनों को इस्लाम कबूल करने के लिए कहा गया. लेकिन साहिबजादों ने यह शर्त मानने से इनकार कर दिया. इस पर मुगलों ने माता गुजरी और दोनों मासूम बच्‍चों को कड़ी यातना दी. लेकिन तब भी वे टस से मस नहीं हुए.

दीवार में जिंदा चुनवा दिए गए मासूम बच्‍चे

जब किसी भी यातना का दोनों साहिबजादों पर असर नहीं हुआ तो उन्‍हें जिंदा दीवार में चिनवा दिया गया. अपने बेटों के शहीद होने के बाद माता गुजरी ने भी प्राण त्याग दिए. इसके बाद नवाब वजीर खान ने दोनों साहिबजादों और माता गुजरी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्‍कार करने के लिए जगह देने से भी इंकार कर दिया.

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जमीन पर बिछा दी थीं सोने की मोहरें

तब सरहिंद के नवाब वजीर खान के दरबार में दीवान रहे जैन टोडरमल आगे आए और उन्‍होंने चार गज जमीन पर 78,000 हजार सोने के सिक्के जमीन पर खड़े करके यह जमीन खरीदी और उस पर माता गुजरी व दोनों साहिबजादों का अंतिम संस्‍कार किया.

मुगल सल्‍तनत से 4 गज जमीन के लिए सन् 1705 में किया गया यह जमीन सौदा आज भी दुनिया का सबसे महंगा सौदा माना जाता है. इसलिए यह फतेहगढ़ साहिब में स्थित यह जगह दुनिया की सबसे महंगी जगह है.

मनाया जाता है वीर बाल दिवस

26 दिसंबर को सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के दोनों बेटों बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी, की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए वीर बाल दिवस मनाया जाता है. इस साल वीर बाल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को ‘वीर बाल दिवस’ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. यह कार्यक्रम दोपहर करीब 12:15 बजे भारत मंडपम में शुरू होगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे.

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दीपक साहू

संपादक

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