नई दिल्ली/स्वराज टुडे: इजराइल और ईरान के बीच वॉर अपने चरम पर है. ऐसे में भारत ने अपनी रणनीतिक तैयारी को एक नई दिशा दी है. भारत ने दुनिया के सामने एक मिशाल पेश की है, जिससे रक्षा तैयारियों को एक नया आयाम मिल रहा है.
ऐसे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक सुपर एडवांस हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) बेस्ड मिसाइल सिस्टम ‘ध्वनि’ को विकसित कर रहा है. यह मिसाइल न केवल भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत करेगी, बल्कि दुनिया के सामने रक्षा क्षेत्र में भारत को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित भी करेगी.
‘ध्वनि’ कोई साधारण मिसाइल नहीं है. इसे एक शक्तिशाली रॉकेट के जरिए ऊंचाई पर लॉन्च किया जाएगा. जिसके बाद यह हाइपरसोनिक स्पीड से ग्लाइड करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचेगी. इसकी खासियत है कि यह दुश्मन के रडार को चकमा दे सकती है, जिससे इसे रोकना लगभग असंभव है.
‘ध्वनि’ की प्रमुख विशेषताएं
- शानदार रफ्तार: ‘ध्वनि’ माक 21 की गति यानी लगभग 25,000 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भरेगी. यह ध्वनि की गति से 21 गुना तेज है. बता दें कि ध्वनि की स्पीड 1235 किमी/घंटा की होती है.
- लांग रेंज: 5500+ किलोमीटर की रेंज के साथ यह मिसाइल एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों तक पहुंच सकती है. यह इसे अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की श्रेणी में लाती है.
- रडार से बचाव: यह मिसाइल उड़ान के दौरान अपना मार्ग बदल सकती है. जिससे दुश्मन की मिसाइल रक्षा प्रणालियां इसे पकड़ने में नाकाम रहेंगी.
- हीट प्रोटेक्शन: एटमॉस्फेरिक फ्रिक्शन से उत्पन्न होने वाली 3000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी को सहने के लिए इसमें खास हीट प्रोटेक्शन सिस्टम है.
- स्टील्थ डिजाइन: इसका ब्लेंडेड विंग-बॉडी डिजाइन इसे रडार पर लगभग गायब होने मदद करता है.
- डबल कैपेबिलिटी: यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के पेलोड ले जाने में सक्षम है. जो इसे और घातक बनाता है.
‘ध्वनि’ का विकास हैदराबाद स्थित DRDO की एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL) में हो रहा है. यह मिसाइल 2029-30 तक भारतीय सशस्त्र बलों का हिस्सा बन सकती है. DRDO ने पहले ही माक 6 पर आधारित हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण कर लिया है, जो ‘ध्वनि’ का आधार बना है.
भारत के लिए क्यों खास है ‘ध्वनि’?
‘ध्वनि’ केवल एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक ताकत का प्रतीक है. यह मिसाइल भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में लाएगी, जिनके पास हाइपरसोनिक हथियार तकनीक है. जैसे अमेरिका, रूस और चीन. मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के बीच ‘ध्वनि’ भारत को एक मजबूत रक्षा रणनीति प्रदान करेगी.
दुनिया पर दबदबा बनेगा
‘ध्वनि’ के शामिल होने से भारत की सैन्य ताकत में इजाफा होगा और यह वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी. यह मिसाइल न केवल दुश्मनों के लिए चेतावनी है, बल्कि भारत की तकनीकी एडवांसमेंट का भी प्रतीक है. ‘ध्वनि’ के जरिए भारत न सिर्फ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है, बल्कि वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है.