जींस-टॉप में भीख मांग ही थी लड़कियां, जब सच सामने आया तो हैरान रह गयी पुलिस

- Advertisement -

● आंवला की सड़कों पर अहमदाबाद की 9 युवतियों ने भीख मांगकर मचाया बवाल
● जींस-टॉप में सजी ये लड़कियां लोगों को भावनात्मक कहानियों से कर रही थीं गुमराह
● स्थानीय लोगों ने शक होने पर पुलिस को दी सूचना, युवतियां हिरासत में
● शांतिभंग के आरोप में कोर्ट में किया गया चालान, 2-2 लाख के मुचलके पर मिली जमानत
● पुलिस को शक-यह कोई संगठित गिरोह तो नहीं?

आंवला/स्वराज टुडे: उत्तर प्रदेश के आंवला कस्बे की सड़कों पर शुक्रवार को एक बेहद चौंकाने वाला दृश्य देखने को मिला। गुजरात के अहमदाबाद जिले से आईं नौ युवतियां, जो जींस और टॉप में किसी शहरी युवती की तरह सज-धजकर खड़ी थीं, राहगीरों से भावनात्मक कहानियों के ज़रिये 100-200 रुपये की मदद मांग रही थीं।

उनकी मासूमियत भरी बातें सुनकर कई राहगीर पसीज गए और उन्हें मदद भी दी। लेकिन यह ड्रामा उस समय सवालों के घेरे में आ गया जब कुछ सतर्क नागरिकों ने इनकी गतिविधियों पर शक जताते हुए पुलिस को सूचित किया।

स्थानीय लोगों की सूचना पर एक्शन में आई पुलिस 

सूचना पाकर जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, युवतियों की चालें लड़खड़ा गईं। पुलिस ने जब पूछताछ की तो सामने आया कि ये सभी युवतियां गुजरात के अहमदाबाद जिले के बटवा थाना क्षेत्र की रहने वाली हैं।

उनके नाम इस प्रकार हैं –
उर्मी (28), नीतू (25), कुसुम (25), अंजलि (21), सुनीता (26), रीना (20), मनीषा (20), पूनम (25), टीना (26)।

इन सभी को शांतिभंग की आशंका में हिरासत में लिया गया और बाद में एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने प्रत्येक को दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।

यह भी पढ़ें :  संघ की BJP हाईकमान को दो टूक: योगी का विरोध मतलब बागी, योगी ही संघ की पहली पसंद...क्या मोदी के बाद बनेंगे भाजपा का चेहरा ?

क्या ये सिर्फ मजबूरी थी या कोई षड्यंत्रकारी गैंग?

इस पूरी घटना के बाद आंवला के लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है-क्या ये लड़कियां सच में परेशानी में थीं या फिर ये कोई ठगी की सुनियोजित स्कीम थी?

स्थानीय लोगों की आशंका

  • कुछ लोगों ने दावा किया कि युवतियां रुपये न देने पर राहगीरों को धमकाने की कोशिश भी कर रही थीं।
  • ऐसी चर्चा भी चल रही है कि अहमदाबाद से जुड़े किसी संगठित गिरोह की ये सदस्य हो सकती हैं, जिनका काम अलग-अलग जिलों में जाकर इस तरह की भावनात्मक ठगी करना है।

पुलिस ने की लोगों से अपील

कोतवाल कुंवर बहादुर सिंह ने बताया,

“इन युवतियों को शांतिभंग के आरोप में चालान किया गया है। ये सभी अहमदाबाद जिले से आई थीं। नागरिकों से अपील है कि यदि इस तरह की कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।”

पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि कहीं ये मामला मानव तस्करी या सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं है।

सामाजिक चेतना और सतर्कता की मिसाल

इस घटना ने यह दिखा दिया कि आम नागरिकों की सतर्कता और जागरूकता समाज में कैसे संभावित अपराधों को रोक सकती है। यदि आंवला के जागरूक नागरिक पुलिस को सूचना न देते, तो शायद यह पूरा मामला दब जाता और ऐसी घटनाएं और भी बढ़तीं।

यह घटना हमें क्या सिखाती है?

  1. भावनात्मक अपील का गलत उपयोग: आज के समय में लोग भावनाओं से खेलने में माहिर हो गए हैं।
  2. सोशल मीडिया जैसा प्रभाव: इन लड़कियों की प्रस्तुति और बात करने का तरीका देखकर ऐसा लग रहा था मानो कोई स्क्रिप्टेड एक्ट हो रहा हो।
  3. सतर्क नागरिक की भूमिका: यदि समाज के लोग सतर्क न होते, तो ये लड़कियां न जाने और कितनों को ठगतीं।
यह भी पढ़ें :  सात बेटियों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा, CISF में तैनात बेटी ने पहले अपना मुंडन कराया फिर मुखाग्नि देकर निभाया बेटे का फर्ज, भावुक हुआ माहौल

समाज को सीख: मदद करें लेकिन सतर्क रहें

इस घटना के बाद यह जरूरी हो गया है कि हम समाज में मदद करने की भावना तो बनाए रखें, लेकिन बिना जांचे-परखे किसी भी अनजान व्यक्ति को आर्थिक सहायता देना खतरे से खाली नहीं। खासतौर पर जब व्यक्ति की बातों में कुछ अस्वाभाविक लगे।

आंवला की यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि सड़क पर हर मदद मांगने वाला जरूरतमंद नहीं होता। अहमदाबाद की इन युवतियों की कहानी से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि भावनात्मक कहानियों के जाल में फंसने से पहले तथ्यों की जांच अवश्य करें।किसी की मदद करना अच्छा काम है, लेकिन मदद के नाम पर धोखा खाना मूर्खता है।

अब इन युवतियों का भविष्य क्या ?

पुलिस अब इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है। युवतियों के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स, अहमदाबाद स्थित उनके पते और पिछले कुछ महीनों की गतिविधियों की जानकारी एकत्र की जा रही है। यदि यह साबित होता है कि ये कोई संगठित गिरोह का हिस्सा थीं, तो इन पर संगीन धाराओं में मामला दर्ज हो सकता है।

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -

Related News

- Advertisement -