रझारखंड
बोकारो/स्वराज टुडे: झारखंड के बोकारो से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहां बेटे और बेटी के होते हुए भी अंतिम संस्कार का फर्ज एक बहू ने निभाया। मामला बोकारो के सेक्टर-9 ए स्ट्रीट 2 का है जहां 80 वर्षीय शोभाकांत ठाकुर के निधन के बाद बड़े बेटे ने मुखाग्नि देने से इनकार कर दिया।
इसके बाद घर की छोटी बहू नूतन तनु आगे आईं और उसने अपने ससुर को मुखाग्नि देकर समाज में एक नई मिसाल कायम की। बहू की इस पहल की इलाके में खूब चर्चा हो रही है।
पिता के दाह संस्कार में ना बेटा आया और ना आई बेटियां
नूतन ने बताया कि उनके ससुर के दो बेटियां भी हैं जो बोकारो में ही रहती हैं। लेकिन वह भी अपने पिता के दाह संस्कार में नहीं आई। शोभा ठाकुर के छोटे बेटे यानी नूतन के पति संजय ठाकुर का पहले ही देहांत हो चुका है।

बहू ने निभाई अंतिम संस्कार की सभी रस्में
शोभा ठाकुर पिछले एक साल से कैंसर से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। शोभा ठाकुर के देहांत के बाद नूतन ने उनके बड़े बेटे और बेटियों को सूचना दी लेकिन कोई भी अंतिम संस्कार और मुखाग्नि देने के लिए आगे नहीं आया तब बहू नूतन ने अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाई। बहू का साहस देख लोगों की आंखें भर गई।
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