जानें कब से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा, प्रशासन की क्या है तैयारी ? कौन सा मार्ग भारी वाहनों के लिए होगा प्रतिबंधित ? पढ़िए पूरी खबर

- Advertisement -

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर ट्रैफिक पुलिस की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई हैं. इस दौरान ट्रैफिक डायवर्जन को लेकर भी प्लान तैयार किया गया है.

लखनऊ/स्वराज टुडे:  कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 9 अगस्त को समाप्त होगी. इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार आते हैं. जिसे देखते हुए ट्रैफिक पुलिस की ओर से बड़े स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसी क्रम में गाजियाबाद में भी ट्रैफिक डायवर्जन की तैयारी है. जिसके तहत दिल्ली-मेरठ रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाएगी. इसके साथ ही यहां वन वे रूट का भी प्लान है.

कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व

सावन के माह में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है. कांवड़ यात्रा को भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा माना जाता है. भक्त पवित्र नदियों से जल भरकर शिव मंदिरों के शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. इस यात्रा की शुरूआत सावन माह की शुरूआत के साथ ही हो जाती है. यात्रा के दौरान भोलेनाथ के भक्त नंगे पैर पैदल चलकर तीर्थ स्थान पर कांवड़ लेकर जाते हैं और कांवड़ में पवित्र जल भरकर लाते हैं.

क्यों की जाती है कांवड़ यात्रा?

कांवड़ यात्रा क्यों की जाती है, इस बारे में बताते हुए आचार्य आनंद भारद्वाज ने कहा कि मान्यता है कि जब समुद्र मंथन के दौरान विषपान करने से भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया था, तब उसके प्रभाव को कम करने के लिए शिवलिंग पर जलाभिषेक किया गया. इसी तरह शिवलिंग पर जलाभिषेक से प्रसन्न होकर भोलेनाथ भक्‍तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

यह भी पढ़ें :  विधवा पेंशन घोटाला: पति के जिंदा रहते महिलाएं उठा रही विधवा पेंशन का लाभ, दिल्ली में ऐसी 60 हजार महिलाएं चिन्हांकित

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर नहीं चलेंगे भारी वाहन

कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण ढंग से कराए जाने के लिए प्रशासन जुट गया है. बुधवार को इस संबंध में अंतर्राज्यीय स्तर पर समन्वय बैठक हुई, जिसमें कांवड़ यात्रा को लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाओं पर मंथन किया गया. इस बैठक के बाद एसीपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि कांवड़ यात्रा को देखते हुए 11 जुलाई से दिल्ली-मेरठ रोड पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. वहीं दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के चौथे फेज (डासना से मेरठ) पर भी भारी वाहनों पर रोक लगेगी.

कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन की तैयारी

कांवड़ यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए तारीखों को लेकर थोड़ा-बहुत बदलाव किया जा सकता है. कावड़ यात्रा के दौरान गंगनहर पटरी, पाइपलाइन मार्ग भी भारी वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाए जाने का प्लान हैं. इन रास्तों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गुजरते हैं. एसीपी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के आखिरी चार दिनों में दूधेश्वरनाथ मंदिर और जीटी रोड पर भी रूट डायवर्ट करने का प्लान है.

ट्रैफिक डायवर्जन के दौरान दिल्ली से आने वाले वाहनों को चौधरी चरण सिंह मार्ग के जरिए गाजीपुर होते हुए नेशनल हाईवे 9 की ओर रवाना किया जाएगा. दिल्ली से हरिद्वार, अमरोहा, मुरादाबाद जाने के लिए नेशनल हाईवे 9 से होते हुए डासना और फिर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस से होकर जा सकें. बुलंदशहर और हापुड़ की ओर से आने वाले वाहन लालकुआं होते हुए गाजियाबाद से दिल्ली जा सकेंगे.

चप्पे चप्पे पर पुलिस बल की रहेगी तैनाती

कांवड़ यात्रा के दौरान मार्ग पर पुलिस बल को तैनात किया जाएगा ताकि यात्रा के बीच में किसी तरह की परेशान न हो. इस दौरान अन्य वाहनों को वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना होगा. शिवरात्रि के अवसर पर दूधेश्वरनाथ मंदिर समेत सभी प्रमुख जगहों पर ड्रोन के जरिए निगरानी की जाएगी. सावन के पहले सोमवार को मंदिर के आसपास के मार्ग और जीटी रोड भी बंद रखने का प्लान हैं.

यह भी पढ़ें :  तबियत बिगाड़ रही इलेक्ट्रिक कारें! नई तकनीक बनी सिरदर्द, रिसर्च में हुआ खुलासा

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में मानसून पूरी तरह सक्रिय, अनेक जिलों में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, प्रशासन अलर्ट मोड पर

यह भी पढ़ें: कोरबा में हिट एंड रन का कहर: नशे में धुत कार चालक ने रौंदी 3 बाइक व साइकिल, एक बच्ची समेत 5 घायल, भीड़ ने आरोपी कार चालक को जमकर कूटा

यह भी पढ़ें: प्रतापगढ़ के इस फैक्‍ट्री में बनते थे विदेशी ऑटोमैटिक हथियार, कई हथियार और हजारों कारतूस जब्त

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -

Related News

- Advertisement -