छत्तीसगढ़
जीपीएम/स्वराज टुडे: सत्य परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं । यह कहावत बताती है कि सच्चाई को भले ही तत्कालीन रूप से मुश्किलों का सामना करना पड़े या उसे दबाए जाए लेकिन अंतत जीत सत्य की ही होती है । उसे मिटाया नहीं जा सकता । यह कहावत हमें सिखाती है कि सत्य के मार्ग में चलना भले ही कठिन हो पर इसकी शक्ति एवं शाश्वत इसे जीत अवश्य दिलाती है।
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल पसान के जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी राजकुमार पांडेय के साथ पसान के थाना प्रभारी लक्ष्मण खुटे एवं बुध सिंह मधुकर ने आरोप लगाया था कि दिनांक 27/04/ 2022 को राजकुमार पांडेय के द्वारा थाने में घुसकर लक्ष्मण खुटे, बुद्ध सिंह मधुकर एवं थाना स्टाफ के साथ गाली गलौज एवं मारापीट किया गया। ऐसा आरोप लगाकर लगभग 10 से 15 धारा लगा दिया गया था । इसके पीछे कारण ये था कि खमरिया निवासी आदिवासी समाज के दीपक कुमार सिंह को छुड़ाने के संबंध में जिस मामले में माननीय हाई कोर्ट के द्वारा उन्हें जमानत मिली थी एवं न्यायालय श्रीमान विशेष न्यायाधीश कोरबा मे सुना जा रहा था दूसरे मामले में पसान निवासी हरिकिशन बिझवार के द्वारा आरोप लगाया गया था कि उनके घर में घुस के उनके साथ मारा पीट किया गया था एवं गाली गलौज किया गया था, जिस मामले में जफर खान गवाही था उस मामले में भी लगभग10 से 15 धारा लगा दिया गया था । इस मामले में वे माननीय सुप्रीम कोर्ट से जमानत में थे। यह केस न्यायालय श्रीमान विशेष न्यायालय कोरबा में चल रहा था ।
दोनों ही केस के जांच कर्ता अधिकारी तत्कालीन प्रभारी शिवकुमार धारी एवं एसडीओ कटघोरा ईश्वर त्रिवेदी थे । दुर्भावना पूर्ण एक मामले में उनके छोटे भाई हिमांशु पांडेय को भी शामिल किया गया था। 2022 से 2025 तक मामले की सुनवाई हुई जो कि न्यायालय श्रीमान विशेष न्यायाधीश कोरबा ने प्रकरण के सभी आरोपों से दोष मुक्त घोषित किया । वही इन सब प्रकरण के संबंध में हमारी बातचीत जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी राजकुमार पांडेय से बात हुई ।उन्होंने हमें बताया कि समाज में होने वाले अन्याय एवं दुर्भावना के विरुद्ध वे लगातार आवाज उठाते रहते हैं जिसको लेकर विरोधियों के द्वारा षडयंत्र पूर्वक ऐसे कृत्य को अंजाम दिया गया था । उसके बावजूद न्यायपालिका धन्यवाद करता हूं जिन्होंने गंभीरता पूर्वक दोनों पक्ष को सुना एवं अंत में मुझे सभी प्रकरणों में दोष मुक्त किया ।
राजकुमार पांडेय ने ये भी कहा कि मैं लगातार क्षेत्र की जनता एवं समाज में होने वाले अन्याय एवं अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाता रहूंगा ।इस परिस्थिति में मेरा साथ देने वाले सभी मेरे हितैषियों एवं सहयोगियों क्षेत्रवासी ग्रामवासी सभी के प्रति आभार व्यक्त करता हूं । उन्होंने अपने अंतिम संदेश में कहा कि हम भारत जैसे पवित्र देश में रहते हैं हमें ऐसे कर्म करने चाहिए जब वह हम हमारे पास वापस आए तो हम उसका सामना कर सकें। ईश्वर सब देखता है उसकी लाठी में आवाज नहीं होती। कर्म दंड से कोई नहीं बच सकता उसके बावजूद मै इन षड्यंत्र कारियो के ऊपर मानहानि का केस दर्ज कराऊंगा ।
यह भी पढ़ें: BLO के लिए ‘SIR’ बना जानलेवा ? 3 राज्यों में सिलसिलेवार सुसाइडों से मचा हड़कंप
यह भी पढ़ें: न सिरप बनाता था, न बेचता था, फिर भी 3 साल में कमा डाले 150 करोड़, कौन है बनारस का शुभम ?
यह भी पढ़ें: चाकू से गोदकर 11वीं की छात्रा की निर्मम हत्या, स्कूल बैग से सिंदूर की मिली डिबिया

Editor in Chief




















