पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर के मामले में सर्व आदिवासी समाज ने दी प्रतिक्रिया: कोरबा कलेक्टर जिले के मूलनिवासी आदिवासियों के साथ अपने व्यवहार में सुधार लाएं- मोहन सिंह प्रधान

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दलगत राजनीति से हटकर सर्व आदिवासी समाज ने भी वरिष्ठ आदिवासी कद्दावर नेता ननकी राम कंवर जी के मामले में अपनी प्रतिकिया ब्यक्त की है….

कोरबा/स्वराज टुडे: विगत दिवस छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल श्री रमन डेका महोदय एक दिवसीय प्रवास पर कोरबा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कोरबा जिले में सरकार और शासन की तरफ से लिए गए नीतिगत निर्णय सहित आदिवासी बहुल जिला होने के नाते विभिन्न योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति को मिल रहा है कि नहीं एवं अन्य शासकीय कार्य निर्बाध रूप से क्रियान्वयन हो रहा है अथवा नहीं इस संबंध में जानकारी ली और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए ।

यह सर्वत्र विदित है कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य एवं कोरबा जिला आदिवासी बाहुल्य जिला के अंतर्गत आता है । सर्व आदिवासी समाज को सोशल मीडिया एवं दैनिक समाचारों के माध्यम से जानकारी मिली कि महामहिम के प्रवास के दौरान विशेष अतिथि कक्ष में जिला प्रशासन जिसमें कोरबा जिला के कलेक्टर अजीत वसंत महोदय सहित और भी अधिकारीगण मौजूद रहे जिसमें कोरबा जिला से आदिवासी समाज के वयोवृद्ध नेता श्री ननकी राम जी कंवर जो कि कई बार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सरकारों में विधायक एवं मंत्री रहे साथ ही अपने पूरे नेतृत्व के कार्यकाल में बेवाक छवि स्पष्ट वादिता एवं असाधारण व्यक्तित्व के सदैव धनी रहे । निःसंदेह वो एक राजनैतिक दल के माध्यम से सरोकार रखते थे लेकिन उनकी कार्यशैली दलगत राजनीति से पृथक होकर वह सबों के लिए कार्यों का निष्पादन में अपनी महती भूमिका सदैव निभाई जाती रही है।

उपरोक्त संदर्भ में गैर राजनीतिक दृष्टिकोण रखते हुए एक सामाजिक दृष्टिकोण एवं सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते और जिले में सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक के नाते उपरोक्त वायरल तस्वीर एवं मीडिया में माननीय ननकी राम जी कंवर के बयान ने साबित कर दिया कि कोरबा जिले के कलेक्टर महोदय ने माननीय राज्यपाल के समक्ष जब वह ज्ञापन देने गए तो कलेक्टर महोदय के व्यवहार से और उपरोक्त समय में घटित उस कालखंड से उन्होंने अपने आपको अपमानित महसूस किया ।

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सर्व आदिवासी समाज कोरबा के संरक्षक मोहन सिंह प्रधान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में अभी फिलहाल उनसे किसी भी राजनीतिक दल में उनसे वरिष्ठ एवं उम्र दराज अनुभवी नेता फिलहाल मौजूद नहीं है।  माननीय कलेक्टर महोदय के संबंध में खुद ननकी राम कंवर जी ने बयान दिया है। यह साबित करता है कि आदिवासी बहुल जिला में हमारे कलेक्टर महोदय का आदिवासियों के प्रति एवं सरकार के योजनाओं की क्रियान्वयन के प्रति कितना जिम्मेदाराना रवैया होगा । जब इतने वरिष्ठ आदिवासी नेता का जो आज भी प्रोटोकॉल के अंदर आते हैं उनके साथ ऐसे व्यवहार से आदिवासी समाज हैरान है और पूरा आदिवासी समाज उम्मीद करता है कि कलेक्टर महोदय समाज के शून्य से शिखर तक के व्यक्तियों का सम्मान हेतु अपने व्यवहार में बदलाव लाएं।

इस आदिवासी बाहुल्य जिले को देश के पैमाने पर रोशन करने में श्री ननकी राम कंवर ने अपने जल जंगल जमीन सभी कुछ दान कर दिया है और उम्मीद तो रहेगी ही शासन की जितनी योजनाएं आदिवासियों के लिए हैं वह सब शत प्रतिशत क्रियान्वन जिले में हो । आज देश की आजादी के बाद भी हम अमृत काल महोत्सव मना रहे हैं लेकिन आज भी सुदूर वनांचल में रहने वाले आदिवासी भाई बहन एवं बहन बेटियों को अपने घर और स्कूल जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। जबकि करोड़ों रुपया खर्च करके विकास की गंगा कोरबा जिले में बह रही है।

आपने सवाल किया कि उपरोक्त वायरल फोटो एवं मैसेज वायरल किए जाने के कारण पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को कोरबा कलेक्टर के द्वारा उपरोक्त वायरल मैसेज को डिलीट करने हेतु पत्र लिखा गया है इसके संदर्भ में पूरी जानकारी मुझे उपलब्ध नहीं है लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि अगर सोशल मीडिया पर और मीडिया में आकर आदरणीय पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर जी ने ही अपना बयान जारी कर दिया कि जब मैं ज्ञापन देने गया तो कलेक्टर महोदय के द्वारा जो मुझसे व्यवहार किया गया उससे मैं स्वयं अपमानित महसूस कर रहा हूं और उन्होंने बहुत सारी बातों का भी जिक्र किया है ।

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अगर उस संदर्भ में सोचेंगे तो माननीय कलेक्टर महोदय के द्वारा दिया गया पत्र स्वमेव निरस्त हो गया लग रहा है, कोरबा जिले की तासीर कभी भी धार्मिक सामाजिक जातिगत भेदभाव या उन्माद फैलाने वाली नहीं रही है । यहां की तासीर सदैव अनेकता में एकता को मजबूत करने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाली एक ताकतवर सामाजिक व्यवस्था की रही है । भले ही राजनीतिक दृष्टिकोण से अलग-अलग विचारधारा के लोग अपना काम करते हैं लेकिन सभी ने यहां की तासीर को बिगड़ने नहीं दिया। यह कोरबा को और भी अव्वल दर्जे का बनाता है।

श्री प्रधान ने कहा कि मुझको लगता है कि पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह जी अग्रवाल का जो बयान पेपर और सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई उसमें उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अपनी संस्कार और शिष्टाचार की बात कही है । इसमें आपत्तिजनक वाली कोई बात नहीं है। यहां पर बुजुर्गों के सम्मान को सदैव प्राथमिकता दिया गया है चाहे वह जिस रूप में हो और इस तारतम्य में एक मानवीय दृष्टिकोण इंसानी दृष्टिकोण गैर राजनीतिक दृष्टिकोण रखते हुए उपरोक्त बातें जो सामने आई तस्वीर के माध्यम से उस पर अपनी टिप्पणी की है ।

दोनों दलों के पूर्व मंत्री कोरबा जिले से ही प्रदेश में अलग-अलग नेतृत्व कर जिले की पहचान को बनाने में कामयाब रहे इसलिए बड़े ही दुख का विषय है कि माननीय जिला कलेक्टर कोरबा के द्वारा आदिवासी समाज से आने वाले वरिष्ठ नेता श्री ननकी राम जी कंवर के साथ किए गए व्यवहार को सर्व आदिवासी समाज जिला कोरबा कड़ी निंदा करता है, और उम्मीद करता है कि भविष्य में आदिवासी समाज के कोई भी नेतृत्वकारी सामाजिक बन्धु अपनी समस्याओं को लेकर मिले तो उनसे ससम्मान अपने व्यवहार में परिवर्तन करते हुए सहज रूप से उपलब्ध हो।

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इस तरह का प्रकरण कोरबा जिले की इतिहास में आदिवासियों के साथ या उनके नेतृत्वकारी साथियों के साथ या नेताओं के साथ जिला प्रशासन के द्वारा कभी भी नहीं हुआ है जबकि कोरबा जिला आदिवासी जिला है।

श्री प्रधान ने कोरबा कलेक्टर की ओर इंगित करते हुए कहा कि आपने प्रश्न किया है कि आदिवासी समाज उपरोक्त प्रकरण में क्या कहना चाहता है। लिहाजा संरक्षक होने के नाते हमारा कहना है कि कलेक्टर महोदय कोरबा जिले के प्रथम नागरिक हैं और प्रशासनिक सारी ताकत संविधान सम्मत उनके पास मौजूद है। हम चाहेंगे कि जो व्यवहार श्री ननकी राम कंवर जी के साथ हुआ, इसकी पुनरावृत्ति दोबारा ना हो अन्यथा संपूर्ण आदिवासी समाज दलगत राजनीति से अलग होकर भविष्य में अपने स्वाभिमान बचाने की लड़ाई भी अपने स्तर पर लड़ने हेतु मजबूर होगा।

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दीपक साहू

संपादक

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