NHM कर्मचारियों का सब्र टूटा : वेतन बकाया, बहाली अटकी, राज्यव्यापी ज्ञापन-आंदोलन शुरू
रायपुर/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ ने गहरी नाराजगी जताते हुए बताया कि राज्य के 16,000 से अधिक एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। जिला अध्यक्ष शकुंतला एक्का ने बताया कि रायगढ़ जिले के 700 से अधिक कर्मचारियों के वेतन अभाव के कारण कर्मचारी गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर संघ ने संयुक्त कलेक्टर राकेश कुमार गोलचा को मुख्यमंत्री महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा। परिवार का भरण-पोषण, बच्चों की फीस, किराया, बैंक किस्तें एवं दैनिक आवश्यकताएँ पूरी करना असंभव हो गया है, जिससे कर्मचारियों में मानसिक तनाव और आक्रोश चरम पर पहुँच गया है।
हालिया आंदोलन के दौरान 25 कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर दिया गया था। जिसमें भी रायगढ़ जिले के 02 कर्मचारी शामिल है, माननीय मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के उच्चस्तरीय हस्तक्षेप एवं स्पष्ट आश्वासन पर कर्मचारियों ने सद्भावना दिखाते हुए आंदोलन स्थगित किया था। आश्वासन दिया गया था कि सभी 25 बर्खास्त कर्मचारियों की नि:शर्त बहाली कैबिनेट की अगली बैठक में कर दी जाएगी। जिले के एन एच एम कर्मचारी, रायगढ़ विधायक से भी कर चुके है पुकार।
किंतु दो माह से अधिक का समय बीत जाने एवं इस बीच तीन कैबिनेट बैठकें हो जाने के बावजूद बहाली का आदेश आज तक जारी नहीं हुआ है। आश्वासन पर अमल न होने से पूरे प्रदेश के एनएचएम कर्मचारियों में विश्वास का संकट पैदा हो गया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी एवं प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी ने कहा, *“सरकार से सकारात्मक वार्ता और विश्वास के साथ आंदोलन समाप्त किया गया था, लेकिन आश्वासन पूरा न होना अत्यंत दुखद एवं कर्मचारी हितों के विरुद्ध है।”*
संघ की प्रमुख माँगें :
▪️दो माह से लंबित वेतन का तत्काल भुगतान।
▪️आंदोलन के दौरान बर्खास्त सभी 25 कर्मचारियों की अविलंब एवं नि:शर्त बहाली।
▪️आंदोलन समाप्ति के दौरान किए गए वादे, समय-सीमा में पूरे किए जाए
संघ के प्रदेश प्रवक्ता पूरन दास ने बताया कि आज राज्य के सभी जिलों में एनएचएम कर्मचारी एकजुट होकर कलेक्टर के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप रहे हैं तथा अपनी समस्याओं से शासन-प्रशासन को अवगत करा रहे हैं। यदि माँगें शीघ्र पूरी नहीं हुईं तो संघ को पुनः उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
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