लखनऊ/स्वराज टुडे: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक ऐसी रूह कंपा देने वाली खबर सामने आई है, जिसने न केवल पशु प्रेमियों बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। शहर के ‘राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल’ जैसे वीआईपी इलाके में एक साथ 170 भेड़ों की रहस्यमयी मौत ने सनसनी फैला दी है। सड़कों और खाली मैदानों में बिछी बेजुबानों की लाशें देखकर हर किसी की आंखें नम हैं।
यह महज एक हादसा है या किसी गहरी साजिश का हिस्सा, इसे लेकर अब कयासों का बाजार गर्म है। जिस जगह कुछ ही दिन पहले एक बड़ा सरकारी कार्यक्रम हुआ था, वहां अचानक इतनी बड़ी संख्या में भेड़ों का दम तोड़ देना कई गंभीर सवाल खड़े करता है। जैसे ही यह खबर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंची, सीएम योगी आदित्यनाथ ने बिना देर किए इस पर कड़ा संज्ञान लिया। क्या किसी ने जानबूझकर इन मासूमों को जहर दिया? या फिर प्रशासन की किसी बड़ी चूक ने गरीब पशुपालकों की दुनिया उजाड़ दी? आइए जानते हैं उस खौफनाक मंजर की पूरी हकीकत जिसने राजधानी में खलबली मचा दी है।

मड़ियांव में मौत का रहस्य: साजिश या जहरीला खाना?
यह पूरी घटना मड़ियांव थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के आसपास की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भेड़ें बिल्कुल स्वस्थ थीं, लेकिन अचानक एक-एक करके गिरने लगीं और देखते ही देखते 170 भेड़ों की मौत हो गई। इस मामले को लेकर ‘आसरा द हेल्पिंग हैंड्स ट्रस्ट’ की संस्थापक चारु खरे ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आशंका जताई है कि या तो भेड़ों ने कार्यक्रम के बाद फेंका गया कोई जहरीला पदार्थ खा लिया है या फिर किसी अज्ञात व्यक्ति ने जानबूझकर उन्हें जहर देकर मार डाला है। एनजीओ ने मांग की है कि सभी मृत भेड़ों का पोस्टमार्टम कराया जाए ताकि इस सामूहिक हत्याकांड के पीछे का सच सामने आ सके।

सीएम योगी का ‘हंटर’ और 17 लाख का मुआवजा
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी कड़े बयान में कहा गया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने उन गरीब पशुपालकों के आंसू पोंछने के लिए एक बहुत बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने प्रति मृत भेड़ 10,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इस हिसाब से पीड़ितों को कुल 17 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। सीएम के इस कड़े रुख के बाद मड़ियांव पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं और अब बारीकी से सबूत जुटाए जा रहे हैं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
मड़ियांव थाने के एसएचओ शिवानंद मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने मृत भेड़ों के नमूने लेकर लैब जांच और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि राजधानी जैसे हाई-प्रोफाइल शहर में, जहां 24 घंटे निगरानी रहती है, वहां इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई? अगर भेड़ों ने जहरीला कचरा खाया है, तो वह कचरा वहां फेंका किसने? फिलहाल पूरे इलाके में भारी रोष है और पशु प्रेमी संगठनों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब सबकी निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस ‘मिस्ट्री’ से पर्दा उठाएगी।







