छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: जिले समेत पूरे प्रदेश में सनसनी फैलाने वाले तीन लोगों की मौत के मामले में पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। पैसे को कई गुना करने के नाम पर तंत्र-मंत्र की आड़ में की गई इस वारदात में पुलिस ने 6 आरोपियों के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस ने आरोपियों को घटनास्थल ले जाकर सीन ऑफ क्राइम का रिक्रिएशन भी कराया है। हालांकि, पूरे घटनाक्रम को लेकर अब भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। तंत्र-मंत्र के नाम पर अशरफ मेमन समेत तीन लोगों की मौत को लोग एक सोची-समझी साजिश मान रहे हैं। फिलहाल पुलिस की विवेचना जारी है।
तांत्रिक विधि से 5 लाख को ढाई करोड़ बनाने का मामला
जानकारी के अनुसार, बरबसपुर क्षेत्र के ग्राम कुदरी स्थित कबाड़ कारोबारी अशरफ मेमन के फार्म हाउस में बने कमरे में 5 लाख रुपये को 50 गुना करने की तथाकथित तांत्रिक विधि कराई जा रही थी। इसी दौरान सुरेश साहू (44 वर्ष) निवासी डीडीएम रोड कोरबा, अशरफ मेमन (48 वर्ष) निवासी पुरानी बस्ती कोरबा और नितिश कुमार रात्रे (30 वर्ष) निवासी मोपका भाठापारा, जिला बलौदा बाजार हाल तिफरा बिलासपुर की मौके पर ही मौत हो गई। तीनों की मृत्यु का स्थान, दिनांक और समय एक ही पाया गया।
पुलिस ने मर्ग जांच के दौरान घटनास्थल निरीक्षण, शव पंचनामा, जप्ती कार्रवाई के साथ मृतकों के परिजनों और चश्मदीद गवाहों के बयान दर्ज किए। गवाहों ने बताया कि तांत्रिक आशीष दास और उसके सहयोगियों ने 5 लाख रुपये को 50 गुना करने का लालच देकर तंत्र-मंत्र की प्रक्रिया के दौरान नायलॉन रस्सी से तीनों का गला घोंट दिया।
पोस्टमार्टम के बाद प्राप्त शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि मौत का कारण: नायलॉन रस्सी से गला घोंटने के कारण दम घुटना और मौत की प्रकृतिः हत्या
पीएम रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने तांत्रिक आशीष दास, राजेन्द्र कुमार जोगी, केशव सूर्यवंशी, अश्वनी कुर्रे, भागवत दास और संजय साहू के खिलाफ BNS की धारा 103 (1) और 61(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू कर दी है।
ट्रिपल मर्डर को लेकर अब भी उठते सवाल
इस घटना को तीनों मृतकों के परिजन, रिश्तेदार और शुभचिंतक ही नहीं बल्कि शहरवासी भी इसे सोची समझी साजिश मानते हैं । सबके जेहन में यही सवाल कौंध रहा है कि आर्थिक रूप से मजबूत और शिक्षित तीनों मृतक इस तरह के अंधविश्वास के चक्कर में कैसे आए । तीनों को बारी-बारी से कमरे के अंदर बुलाकर गला घोंटने की बात सामने आई है, लिहाजा सवाल उठना लाजिमी है कि एक के साथ घटना घटित होने के बाद बाकी के दो सतर्क कैसे नहीं हुए । तीनों मृतक तांत्रिक के संपर्क में कैसे आए । आखिर किन वजहों से तीनों मृतकों ने तांत्रिक पर आंख मूंद कर भरोसा कर लिया । किसी भी तरह की तांत्रिक विद्याओं से पैसों या आभूषणों को दोगुना तिगुना करना अथवा जमीन में गड़े सोने चांदी के जेवरातों से भरे मटके का पता लगाना नामुमकिन है। ये सब झांसा के सिवा कुछ नहीं, ये बात तांत्रिक और उसके चेले चपाटे भी अच्छी तरह जानते हैं। तीनों मृतक हट्टे-कट्टे नौजवान थे जिन्हें एक साथ मारना 6 आरोपियों के लिए आसान बात नहीं थी, तो क्या तीनों की हत्या करने के लिए ही ये पूरी साजिश रची गयी । आखिर कौन है इसका मास्टरमाइंड ? सवाल कई हैं जिनके जवाब मिलना अभी बाकी है ।
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