छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: कोरबा जिले के कटघोरा व कोरबा वनमंडल में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरबा जिले के पड़ोसी रायगढ़ जिले से हाथियों का एक और दल कोरबा वनमंडल के करतला रेंज में पहुंच गया है। वन अमला सतर्क मोड पर है। ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। हाथियों के रायगढ़ से पहुंचे दल को मिलाकर क्षेत्र में सक्रिय हाथियों की संख्या बढ$कर 52 हो गई है। 15 हाथी पहले से ही यहां के रामपुर सर्किल में घूम रहे थे। विगत रात्रि 37 की संख्या में हाथी रेंज के नोनदरहा क्षेत्र में पहुंच गए हैं। हाथियों के इस दल ने यहां पहुंचते ही उत्पात मचाया और 15 से अधिक किसानों की धान के फसल को तहस-नहस कर दिया। अचानक पहुंचे हाथियों द्वारा फसल रौंदे जाने से ग्रामीणों में आक्रोश है।
पीड़ित ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने पर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी करने के साथ नुकसानी के आंकलन में भी जुट गए हैं। उधर कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में 54 हाथी अभी भी सेमरहा सर्किल में डेरा डाले हुए हैं। हाथियों के इस दल ने भी क्षेत्र में उत्पात मचाते हुए ग्राम बर्रा, सेमरहा तथा हरदेवा में दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों के धान के फसल को रौंद दिया है। हाथियों द्वारा लगातार क्षेत्र में उत्पात मचाया जा रहा है और धान की फसल को तहस-नहस किया जा रहा है जिससे ग्रामीण काफी परेशान हैं। उनके द्वारा लगातार हाथी समस्या के समाधान की मांग रखी जा रही है, लेकिन न तो वन विभाग इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही जिला प्रशासन। फलस्वरूप क्षेत्र के ग्रामीण हाथी समस्या से दो-चार होने को मजबूर हैं। करतला रेंज में बड़ी संख्या में हाथियों के एक और दल आने से जिले में सक्रिय हाथियों की संख्या शताधिक हो गई है।
उधर करतला परिक्षेत्र के जंगलों में इन दिनों हाथियों का बड़ा झुंड सक्रिय है, जिससे ग्रामीणों में भारी दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि लगभग 50 हाथियों का यह दल रामपुर-करतला के जंगलों में डेरा जमाए हुए है। ग्रामीणों द्वारा झुंड पर पथराव किए जाने के बाद हाथियों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए उन्हें दौड़ा लिया। इस दौरान ग्रामीण किसी तरह जान बचाकर भागे, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
जानकारी के अनुसार, करतला और रामपुर के बीच के घने जंगलों में पिछले कुछ दिनों से हाथियों की आवाजाही लगातार बनी हुई है। हाथियों का यह झुंड रात के समय खेतों और गांवों की ओर बढ़ता है, जिससे फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों की गतिविधियों से रात्रि में बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
बुधवार रात को कुछ ग्रामीणों ने हाथियों को भगाने के उद्देश्य से झुंड पर पथराव कर दिया। पथराव से भड़के हाथी अचानक उग्र हो गए और ग्रामीणों की ओर दौड़ पड़े। लोग जान बचाने के लिए भागे और किसी तरह सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। इस दौरान किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली, लेकिन ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त है।
वन विभाग की टीम सतर्क मोड पर है और हाथियों की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखे हुए है। विभागीय अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथियों के समीप न जाएं और उन्हें उकसाने जैसी कोई हरकत न करें, क्योंकि ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी (करतला) ने बताया कि हाथियों का दल फिलहाल करतला और रामपुर के जंगलों के बीच विचरण कर रहा है। टीम को लगातार क्षेत्रीय निगरानी और ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। हाथियों को सुरक्षित मार्ग से जंगल की गहराई की ओर लौटाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
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