छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: पर्वों का अर्थ तभी सार्थक होता है जब खुशियां केवल अपने घर तक सीमित न रहें, बल्कि समाज के वंचित वर्ग तक भी पहुंचें। इसी भावना के साथ प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी समाजसेवी संस्था ‘ छत्तीसगढ़ सबरी सेवा संस्थान’ लखनपुर जिला सरगुजा छग के सदस्यों ने वनांचल क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर दिवाली की खुशियां साझा कीं।
छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने कोरबा जिले के पाली विकासखंड से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित भंडार खोल गांव पहुंचकर वहां निवासरत बिरहोर समुदाय के लोगों के बीच कपड़े, साड़ियां, खिलौने और अन्य आवश्यक सामग्री का वितरण किया। बिरहोर जनजाति लंबे समय से वन क्षेत्र में निवासरत है और आज भी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। ऐसे में छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान द्वारा किया गया यह प्रयास न केवल उनके चेहरों पर मुस्कान लाया, बल्कि उन्हें यह अहसास भी दिलाया कि समाज के मुख्यधारा के लोग उनके साथ हैं।
इस अवसर पर नशा मुक्ति जनजागरूकता अभियान भी चलाया गया। कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया तथा स्वच्छ और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान लखनपुर जिला सरगुजा छग के प्रदेश सचिव सुरेन्द्र साहु के मार्गदर्शन में किया गया कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सबरी सेवा संस्थान के सामाजिक कार्यकर्ता ब्रजराज रजक, सहयोगी रमेश कौशिक, धर्मेंद्र ध्रुव, निकेश ध्रुव सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में अर्णव, रवि, सूरज साहू, सचिन सिंह, कैलाश, पूर्णिमा, पुनीता निर्मलकर का विशेष योगदान रहा।
छत्तीसगढ़ शबरी सेवा संस्थान के सदस्यों ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी दिवाली के अवसर पर जरूरतमंदों तक पहुंचकर उन्हें खुशियां बांटने का संकल्प लिया गया था। उन्होंने कहा कि समाज में हर वर्ग के लोग यदि अपने आसपास के जरूरतमंदों की मदद करें तो समाज में असमानता की खाई को काफी हद तक पाटा जा सकता है। भंडार खोल गांव के निवासियों ने भी संस्था के इस कार्य की सराहना की और कहा कि वर्षों बाद किसी ने उनके गांव तक आकर दिवाली की खुशियां साझा की हैं।
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