जोरों पर छत्तीसगढ़ में ED की कार्यवाही पर ब्रेक लगाने की तिकड़में, 700 करोड़ के कोयला घोटाले में IAS और IPS अधिकारियों के बीच अरबों का लेन–देन आया सामने

- Advertisement -

छत्तीसगढ़
रायपुर/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ के कोल लेव्ही परिवहन घोटाले में उपकृत होने वाले IAS और IPS अधिकारियों का काला चिटठा सामने आया है। जबकि ऐसे प्रभावशील दागी अधिकारियों के खिलाफ बगैर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित किये ही मौजूदा चीफ सेकेट्री रिटायर हो गए हैं। उनकी कार्यप्रणाली से जहाँ भ्रष्टाचार को लगातार सरंक्षण प्राप्त हो रहा था, वही अब नए चीफ सेकेट्री के रुख को लेकर मंत्रालय में गहमागहमी देखी जा रही है।

सुर्खियों में रहा IAS-IPS अधिकारियों का काला चिट्ठा

इस बीच प्रदेश के कोल खनन परिवहन घोटाले में लिप्त रायपुर, रायगढ़, कोरबा और बिलासपुर के तत्कालीन एसएसपी–कलेक्टर और अन्य अफसरों की संलिप्ता का काला चिटठा सुर्खियों में है। इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ कैडर के आल इंडिया सर्विस के कतिपय चुनिंदा अधिकारी भूपेश राज में आए दिन करोड़ों की रकम पर हाथ साफ़ कर रहे थे। उनके लेन–देन का नमूना मात्र देखकर आप रोजाना के अवैध कारोबार का अंदाजा लगा सकते हैं। घोटाले के किंगपिन से इन अफसरों का करीब का नाता बताया जाता है। ये IAS और IPS अधिकारी आपस में सांठगांठ कर छत्तीसगढ़ शासन की तिजोरी को किसी प्रोफेशनल गिरोह की तर्ज पर चूना लगा रहे थे। उनका लेनदेन गंभीर आर्थिक अपराध के दायरे में बताया जाता है। एक IAS अधिकारी ने कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी को 11 करोड़ 05 लाख की नगद रकम की अदायगी की थी, जबकि वर्दीधारी एक प्रभावशील ASP ने इसी कोल माफिया सूर्यकान्त तिवारी से 05 करोड़ 67 लाख की नगदी प्राप्त की थी। इसके अलावा ED ने अन्य IAS-IPS की कार्यप्रणाली से भी मौजूदा चीफ सेक्रेटरी को बाकायदा पत्र लिखकर महीने भर पहले अवगत कराया था। लेकिन अकार्यकुशल निवर्तमान चीफ सेक्रेटरी ने ED के इस पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया।

यह भी पढ़ें :  RKM पावर हादसा: पहली बार प्लांट मालिकों व निदेशकों पर अपराध दर्ज, सक्ती पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लिफ्ट गिरने से 4 मजदूरों की मौत, 6 घायल

शिकायती जांच पत्र को लेकर गहमागहमी

“छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक शिकायती जांच पत्र को लेकर मंत्रालय में गहमागहमी है। लोगों की जुबान पर है कि रिटायर मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा बख्शे गए दागी IAS–IPS अधिकारियों के प्रति नए मुख्य सचिव आखिर नरमी बरतेंगे या फिर सख़्ती। दरअसल, नए मुख्य सचिव को ED का शिकायती पत्र विरासत में प्राप्त हुआ है। बताते हैं कि ED ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी और ACB-EOW को पत्र लिखकर दागी अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने का फ़रमान जारी किया है। ED के इस पत्र में बताया गया है कि जांच के दौरान आरोपी सूर्यकांत तिवारी की डायरी में 80 करोड़ रुपए से ज्यादा के लेनदेन का ब्यौरा मिला था। इसकी जाँच पड़ताल के बाद अफसरों की कार्यप्रणाली आर्थिक अपराध के दायरे में है। सूत्रों के मुताबिक कोल माफिया सूर्यकान्त तिवारी की “डायरी” में दर्ज प्रभावशाली अधिकारियों का घोटालों से करीब का नाता और अवैध कारोबार सामने आया हैं। तस्दीक की जा रही है कि ऐसे अफसरों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं, इनमें 02 IPS और 02 IAS समेत 01 एडिशनल SP शामिल बताये जाते हैं। उनके बीच लेनदेन के ब्योरे में साफ़ किया गया है कि एक IPS अधिकारी ने सूर्यकांत तिवारी को 11.5 करोड़ सौंपे थे। जबकि ख़ुफ़िया जिम्मेदारी संभाल रहे एक ASP को आरोपी तिवारी ने 5.67 करोड़ की नगद रकम सौंपी थी। ED ने इस पत्र में यह भी बताया है कि डायरी में दर्ज लेन-देन की तारीख, राशि और पक्षों के नाम सहित पूरा ब्यौरा मय सबूत उसे प्राप्त हुआ था। छत्तीसगढ़ शासन को यह जानकारी भी साफ़ कर दी गई है कि दागी अफसर किस तरह से अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे थे। ED ने इस संबंध में 5 प्रमुख अधिकारियों का आरोपियों से जुड़े लेन-देन का ब्योरा सामने रखा है। महासमुंद जिले में तैनात रहे एक अन्य आईपीएस अधिकारी ने भी सूर्यकान्त को 2.65 करोड़ की नगदी सौंपी थी। सूत्र तस्दीक करते हैं कि अवैध वसूली के एक प्रकरण में एक अन्य IAS अधिकारी ने 75 लाख की नगदी जबकि दूसरे आईएएस ने 60 करोड़ रुपए की नगदी आरोपी सूर्यकांत को सौंपी थी।

यह भी पढ़ें :  मुख्यमंत्री श्री साय ने कसनिया मोड़ में भगवान सहस्त्रबाहु चौक नामकरण, प्रवेश द्वार सह उद्यान निर्माण कार्य का किया भूमिपूजन

नये मुख्‍य सचिव की कार्यवाही पर सबकी नजर

फ़िलहाल, ED का पत्र मंत्रालय में भी चर्चा में है। केबिनेट के पूर्व इस पत्र पर वैधानिक कार्यवाही को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार की मंशा भी टटोली जा रही है। माना जा रहा है कि नए चीफ सेकेट्री पदभार ग्रहण करते ही दागी अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही के लिए निर्देशित कर सकते हैं। दरअसल, प्रदेश में चीफ सेकेट्री ACB–EOW के पदेन मुखिया भी होते हैं। कोयला घोटाले मामले में ED की रिपोर्ट पर प्रदेश के ACB/EOW ने अब तक 2 पूर्व मंत्रियों, एक विधायक समेत 36 आरोपियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की थी। इस मामले में IAS रानू साहू, IAS समीर विश्नोई, डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी का नाम मुख्य रूप से शामिल है। फ़िलहाल, मुख्यमंत्री साय केबिनेट की बैठक में नए चीफ सेकेट्री के स्वागत और पूर्व चीफ सेकेट्री की विदाई तय कार्यक्रम के तहत परवान चढ़ रही है। देखना गौरतलब होगा कि नए निजाम की छत्रछाया में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का आगाज़ किस तर्ज पर होता है?

*विजया पाठक की रिपोर्ट*

यह भी पढ़ें: सेंट्रल कोलफील्ड्स में 1180 पदों पर भर्ती; 10वीं पास से लेकर ग्रेजुएट्स को मौका, बिना एग्जाम सिलेक्शन, आवेदन की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर 2025

यह भी पढ़ें: सेंट्रल कोलफील्ड्स में 1180 पदों पर भर्ती; 10वीं पास से लेकर ग्रेजुएट्स को मौका, बिना एग्जाम सिलेक्शन, आवेदन की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर 2025

यह भी पढ़ें: UP की हिन्दू युवती को बुर्का पहनाकर बिहार ले जा रहा था मंसूर अली, घरवालों ने पकड़कर कर दिया ये हाल

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -

Related News

- Advertisement -