छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त को गढ़ उपरोड़ा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल विशिष्ट अतिथि गण:
1) श्री लीलाधर ध्रुव तहसीलदार
2) श्री निर्मल सिंह राज उपाध्यक्ष आदिवासी शक्तिपीठ कोरबा
3) श्रीमती कौशल्या विश्वनाथ सिंह जनपद उपाध्यक्ष कोरबा
4) श्री जगलाल राठिया
5) श्री रमेश सिरका संगठन प्रमुख आदिवासी शक्तिपीठ
6) श्री शिव प्रसाद कंवर सतरेंगा
7) श्री बी एस पैंकरा आदिवासी शक्तिपीठ कोरबा
8) श्री जयंनाथ सिंह उर्रे फॉरेस्ट रेंजर अधिकारी
9) श्री राजेश खलखो थाना प्रभारी लेमरू
10) श्री प्रवीण पालिया वरिष्ठ सदस्य शंभू शक्ति सेना
,11) श्री पवन कंवर डिप्टी रेंजर
आमंत्रित विशेष अतिथि
सरपंच/ अन्य जनप्रतिनिधि
श्री अंशुमन सिंह ( गढ़उपरोडा) थानसिंह( सतरेंगा,) अमृत राठिया (देवपहरी ) परमल कंवर (साखों,)पवनकुमारी (अरसेना)
क्लेश (धनगांव)विकपाल (तीलाइडांड) रमिला मंझवार (नकिया) अनिता( डोकर मना)
भुकेश्वर (बड़गॉंव) पुराना बाई मंझवार (माखुरपानी) नारायण सिंह (अजगर बहार) शिवराज (चुइंया ) रजनी सिंह तंवर (लेमरु) धनसिंह कंवर पूर्व सरपंच, पूरन सिंह मंझवार पूर्व जनपद सदस्य,आनंद राम मंझवार पूर्व जनपद सदस्य,,
अन्य आमंत्रित सदस्य
सुखराम मरकाम रतन सिंह कंवर ठाकुर राम राठिया दुकालू राम आर्मो, सावन सिंह बिंझवार, समय लाल मंझवार, अमृतलाल राज, इंद्रपाल कंवर, कामेश्वर सिंह भगत, विक्टोर लकड़ा, भूपेश नेताम, सुधीर बड़ा, के पी उरांव, राम अवतार बैगा, मौसम सिंह कंवर नोहर साय, रतन सिंह कंवर राजेश्वर पोर्ते, सहित 15 , 20 पंचायत के भारी संख्या में ग्रामीण उपरोक्त गौरवशाली दिवस में उपस्थित रहेंगे आदिवासी शक्तिपीठ के संरक्षक मोहन सिंह प्रधान जिला ही नहीं राज्य एवं अन्य राज्यों के भी सामाजिक कार्यक्रमों में प्रखर वक्ता के रूप में सहभागिता निभाते रहे हैं और उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई है उनके द्वारा आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकारों रूढ़िजन परंपरा सांस्कृतिक महत्व सहित आदिवासी योद्धाओं जिन्होंने 1857 के युद्ध के पहले भी और देश के आजादी में अपनी शहीदी दी , जो आज के तारीख में देश के इतिहास एवं पाठ्यक्रमों में बताया एवं दिखाया ही नहीं गया ।
साथ ही आदिवासी एक पराक्रमी समाज है एवं संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित विश्व आदिवासी मूल निवासी दिवस के संबंध में बड़े विस्तार से जानकारी उनके उद्बोधन में मिलने की उम्मीद है श्री प्रधान आदिवासी समाज में संवैधानिक मामलों राजनीतिक मामलों एवं समाज में शिक्षा चिकित्सा स्वास्थ्य सहित आर्थिक मामलों पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन साथ ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को पहचान को विगत 21 वर्षों से पूरे प्रदेश में प्रसारित कर एक नई दशा और दिशा तय की। साथ ही वर्तमान परिदृश्य पर बड़े बेवाकी से अपनी बात समाज तक पहुंचने में सफल होते हैं इन्हीं कारणों से उन्हें सुनने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण उपरोक्त कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे
उपरोक्त दिवस सुबह 8:00 बजे से पेन पुरखों की देवी देवताओं की सेवा वृक्षारोपण कार्यक्रम प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का सम्मान कबड्डी रस्सा कशी महिला पुरुष खेल कार्यक्रम एवं दर्शकों के लिए भी विशेष आकर्षक पुरस्कार रखा गया है।

Editor in Chief