जिला खनिज न्यास मद से बन रहे 32 विद्यालयो के भवन 2 साल से अधूरे, नहीं मिल पाए 13.22 करोड़ रुपए

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छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: कोरबा जिले के आत्मानंद विद्यालयो की मरम्मत, हॉल, टॉयलेट, कंप्यूटर रूम, लैब कक्ष का निर्माण 2 साल से अधूरा है। आदिवासी विकास विभाग ने 2 साल पहले 13 करोड़ 22 लाख 85 हजार की निविदा जारी की थी। प्रशासन ने फंड मिलने की प्रत्याशा में डीएमएफ से पहली किस्त 40 प्रतिशत राशि जारी की थी पर सीएसआर का फंड ही नहीं मिला। इसमें कटघोरा विद्यालय की मरम्मत के काम को निरस्त कर दिया। भवन की हालत जर्जर हो गई है। बाकी स्थानों पर भी भवन का काम अधूरा है।
आदिवासी विकास विभाग के साथ आरईएस व पंचायतों को स्वामी आत्मानंद स्कूलों में संसाधन बढ़ाने जिला खनिज न्यास और सीएसआर से मंजूरी दी थी। राशि मिलने के प्रत्याशा में प्रशासन ने डीएमएफ से 40 प्रतिशत राशि जारी कर दी थी। आदिवासी विकास विभाग को नगरीय निकाय क्षेत्रों के विद्यालयो का काम दिया है। विभाग ने अप्रैल-2023 में 32 कार्यों के लिए 13 करोड़ 22 लाख का टेंडर जारी किया था। भवन निर्माण के लिए 42.81 लाख, हॉल के लिए 45.90 लाख, मरम्मत के लिए 44.92 लाख तय थे। पहली किस्त 15 से 19 लाख जारी की।
निविदा पश्चात ठेकेदारों ने काम शुरू किया। जब दूसरी किस्त की बारी आई तो विभाग ने फंड नहीं होना बताया। तब कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत का कहना है कि विद्यालय भवनों के अधूरे कामों को जिला खनिज न्यास मद से कराया जाएगा। सीएसआर की राशि नहीं मिल पाई। इसकी एक अलग प्रक्रिया होती है। उस समय राशि क्यों नहीं मिली, यह अलग बात है। छात्र-छात्राओं को सुविधा मिले, इसके लिए भवनों का निर्माण भी करा रहे हैं।
कोरबा जिले के आत्मानंद स्कूल, गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल दादरखुर्द, सीतामणी, कोहड़िया, गर्ल्स साडा, रूमगरा, पोड़ीबहार, गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी ब्वॉयज कटघोरा, दर्री, अयोध्यापुरी, गोपालपुर, जमनीपाली, कुसमुंडा, आत्मानंद मिडिल स्कूल दीपका और गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल दुरपा के स्कूलों में कई काम अधूरे पड़े हैं। इन स्कूलों में हॉल, टॉयलेट, लैब, भवन का निर्माण चल रहा है।

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डीएमएफ से अधूरे कामों को कराएंगे पूरा : कलेक्टर अजीत वसंत

निर्माण कार्य शुरू करते समय पहली किस्त के रूप में ठेकेदारों को 40 प्रतिशत की राशि जारी की थी। 40 लाख का काम होने पर 16 लाख राशि जारी की थी। इसी से ही ठेकेदारों ने काम कराया, लेकिन दूसरी किस्त जारी नहीं होने पर काम बंद कर दिया। ठेकेदारों ने बताया कि यह राशि M से मिलने की प्रत्याशा में डीएमएफ से जारी की गई थी। इसके कारण यह समस्या आ रही है। अभी काम करने वाले ठेकेदार भी परेशान हैं।

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दीपक साहू

संपादक

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