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गुरुग्राम/स्वराज टुडे: साइबर जालसाजों ने विदेश मंत्रालय के पूर्व अधिकारी की पत्नी को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ 42 लाख रुपये ठग लिए। जालसाज अब भी महिला को मैसेज कर रहे हैं। वह उनसे और तीन करोड़ रुपये ऐंठना चाहते हैं। महिला सदमे में है और काफी डरी हुई है।
मालिबू टाउन निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने पुलिस को बताया कि वह नौकरानी के साथ रहती हैं। उनके बच्चे विदेश में रहते हैं। पिछले साल 25 अक्तूबर को उनके व्हाट्सऐप नंबर पर एक महिला का फोन आया। उसने खुद को कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके नाम से एक पार्सल चीन भेजा जा रहा है, जिसमें रुपये और ड्रग्स हैं।
जालसाजों ने सीबीआई और ईडी का भय दिखाकर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। महिला ने एफडी-म्यूचुअल फंड से पौने दो करोड़ रुपये निकालकर बताए खातों में ट्रांसफर किए। आतंकी गतिविधि में शामिल होने का डर दिखाकर तीन करोड़ रुपये की मांग और की गई। महिला ने रकम जुटाने के लिए मकान तक बेच दिया। इसकी जानकारी परिजनों को मिलने पर ठगी का पता चला। जांच अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी। जिन खातों में रुपये ट्रांसफर हुए थे, उनको सीज करवा दिया गया है।
जालसाजों ने बुजुर्ग महिला को 25 अक्तूबर 2024 में फोन किया और उनको झूठे मामलों में फंसाया। 24 घंटे तक व्हाट्सऐप पर बात करने के बाद 26 अक्तूबर को स्काइप पर अकाउंट बनवाने के बाद डिजिटल अरेस्ट कर लिया। 26 नवंबर 2024 तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। इस दौरान जालसाज सादी वर्दी में सीबीआई और ईडी का अधिकारी बनकर उनसे बात करते थे। बीच-बीच में पुलिस की वर्दी पहने हुए युवक भी दिखता था। वह उन पर नजर रखने की बात करता था। डरी सहमी महिला ने तीन करोड़ रुपये जालसाजों को देने के लिए मकान बेच दिया। कुछ कागजी कार्रवाई करने के लिए उन्होंने अपनी ननद के बेटे से संपर्क किया। मकान बेचने के बारे में पूछने पर महिला फफक-फफकर रोने लगीं और पूरी बात बताई। वह गुरुग्राम में ही स्थित दूसरे मकान में जल्द शिफ्ट होने की योजना बना रही है।
बहरहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है ।
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