छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता धनेश सिंह ने राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस को 2 दिसंबर के दिन इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि 2-3 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस त्रासदी हुई थी और इसमें जान गंवाने वाले लोगों की याद में ये दिन मनाया जाता है। भोपाल में हुई ये गैस त्रासदी इतिहास की सबसे घातक औद्यौगिक प्रदूषण आपदाओं में से एक है।
एक आंकड़े के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण अकेले भारत में प्रति वर्ष लगभग 70 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। वहीं, रिपोर्ट बताती है कि 10 में 9 लोग ऐसे हैं, जिन्हें स्वच्छ हवा नहीं मिल पाती है।
बात अगर इस दिन के महत्व की करें, तो ये दिन पर्यावरण प्रदूषण के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन का उद्धेश्य किसी भी औद्यौगिक आपदा को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना भी है।
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