छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: मानिकपुर क्षेत्रांतर्गत 5 अगस्त 2015 में हुए अपहरण व फिरौती के मामले में अभियुक्त को सत्र न्यायाधीश की अदालत में दोषमुक्त कर दिया है। अभियुक्त की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता धनेश सिंह की जानकारी के अनुसार शांतनु शर्मा के नाना रामलखन शर्मा द्वारा 5 अगस्त 2015 को पुलिस चौकी मानिकपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी कि उसकी छोटी पुत्री उमा विश्वकर्मा की पुत्र शांतनु उर्फ लक्की उसके साथ रहकर सनराईज प्राथमिक शाला कृष्णानगर में कक्षा 2री में पढ़ता है।
5 अगस्त 2015 को करीब 6.15 बजे मोहल्ले के पूजा पण्डाल में खेलने गया था। वह अपने घर के पास टहल रहा था। करीब 7 बजे रात में मोहल्ले के भावेश नामक बालक उसके पास आकर कागज के लायनिंगदार 4 पन्ने में लाल स्याही से लिखा हुआ कागज दिया और बताया कि दो अलग-अलग मोटर सायकल में दो-दो सवार लडक़े दुर्गा पण्डाल के पास आये। एक मोटर सायकल में सवार दो लडक़े ने खेल रहे शांतनु उर्फ लक्की को पास बुलाकर मोटर सायकल में बैठाकर ले गये तथा दूसरे मोटर सायकल में सवार लडक़ों ने उसे बोला कि ये कागज के पन्ने शांतनु के नाना को दे देना। तब कागज को देखकर वह पढ़ा जिसमें शांतनु के अपहरण के संबंध में लिखा हुआ था तथा जिंदा देखना चाहते हो तो कागज के पन्ने के नीचे लिखे मोबाईल नंबर 8717801164 में कॉल करने का उल्लेख तथा धमकी भरे शब्द लिखा था। किसी को संबंध में बताया गया तो जान से खत्म कर देंगे। तब वह पढक़र भयभीत होकर अपने छोटे पुत्र राजेश शर्मा को कागज के पन्ने दिखाकर नीचे लिखे मोबाईल नंबर पर कॉल किया।
बातचीत उपरांत बताया कि उसके नाती शांतनु को अपहरण कर लिये है, बदले में 5 लाख रूपये दोगे तो छोड़ेगें नहीं तो जान से खत्म कर देंगे। प्रार्थी की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए मानिकपुर ने पुलिस ने जब जांच पड़ताल की और अभियुक्त प्रशांत सिंधे के कॉल डिटेल के आधार पर पता चला कि वह अभियुक्त के अधिपत्य में सीएसईबी कालोनी के मकान में अपहरण के बाद रखा गया है।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शांतनु को बरामद किया। वहीं अभियुक्तों के मेमोरण्डम के आधार पर प्रशांत शिंदे से ग्लैमर, लाल-काला रंग का एक मोटर सायकल, इंटेक्स कंपनी का मोबाईल डबल सिम वाला, एक डायरी, काले रंग का मार्कर पेन, लाल स्याही वाला बालपेन, एक गमछा, एक स्लेटी रंग का मोबाईल, प्रमोद रात्रे से हीरोहोण्डा पेशन वह एक लोहे का चाकू नूमा रॉड, सूरज से एक धारदार चाकू जब्त किया गया।
मामले में पुष्पेंद्र व सूरज को अपचारी बालक होने के कारण उनके विरूद्ध प्रकरण किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया। शेष अभियुक्तों के विरूद्ध प्रकरण तैयार कर विचारण हेतु मुख्य न्यायायिक मजिस्टे्रट कोरबा के न्यायालय में पेश किया गया। मामले में अदालत की सुनवाई होती रही।
इस दौरान अभियुक्त प्रशांत शिंदे के विरूद्ध कोई भी प्रत्यक्षदर्शी साक्षियों का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया, साथ ही अपृहत बालक शांतनु ने भी अभियुक्त को पहचानने से इंकार कर दिया। जिससे अभियोजन की कहानी ने संदेह उत्पन्न हो गया। चूंकि अन्य अभियुक्त प्रमोद व सूरज को न्यायालय द्वारा दोषमुक्त किया गया अत: अदालत ने प्रशांत शिंदे को भी दोषमुक्त किये जाने का फैसला सुनाया।
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