छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: लोकसभा निर्वाचन में विभिन्न राजनैतिक दलों के लिए प्रचार करने अन्य संसदीय क्षेत्रों और राज्यों से कोरबा लोकसभा क्षेत्र में आये लोगों को मतदान के 48 घंटे पहले वापस लौटने का आदेश कोरबा जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर अजीत वसंत ने 4 मई को जारी किया है। इस आदेश के बाद भी जिले के होटल, लॉज, रिसार्ट, धर्मशाला व कुछ किराए के मकानों में ऐसे बाहरी लोग आज भी डटे हुए हैं। कलेक्टर के निर्देश की अवहेलना जिले में होने की बात सामने आई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत कर दी है व पीसीसी का प्रतिनिधि मंडल इस विषय पर निर्वाचन आयोग से कल मिल कर बात रखेगा। इसकी शिकायत की जा चुकी है फिर भी इन्हें जिले से बाहर भेजने के लिए कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सीमा के बाहर से ये लोग राजनैतिक प्रचार-प्रसार के लिए लाए गए हैं। इनमें ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो कोरबा लोकसभा क्षेत्र की आठों विधानसभाओं में से किसी भी विधानसभा के मतदाता नहीं हैं लेकिन मतदान के 48 घंटे पहले कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सीमा से बाहर जाने के निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके लिए होटलों और लॉजों के संचालकों से प्रशासन ने सहयोग करने की अपील की है लेकिन अनेक संचालक अपने लाभ के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
गौरतलब है कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र के लिए 7 मई को मतदान होगा। मतदान से 48 घंटे पहले रविवार 5 मई की शाम 6 बजे से राजनैतिक प्रचार थम गया है। इसके बाद रैलियां, जुलूस या सभाएं जैसे किसी भी प्रकार का सार्वजनिक प्रचार नहीं हो रहे हंै लेकिन प्रत्याशी घर-घर संपर्क पर पहुंच रहे है।
7 मई को सार्वजनिक अवकाश घोषित
मतदान के दिन 07 मई को जिले में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन सभी शासकीय कार्यालय बंद रहेंगे। इसलिए शासकीय काम से भी आने वाले बाहरी लोग मतदान दिन के बाद ही कोरबा में आ सकेंगे। निर्देश है कि सामाजिक कार्यक्रमों में आने वाले लोग अपने नाते-रिश्तेदारों के घरों में ही रूकें। शादी-ब्याह या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में कोरबा आकर होटलों में रूकने वाले लोगों की जानकारी संबंधित विधानसभा के सहायक रिटर्निंग आफिसर और संबंधित थाना प्रभारी को लिखित में देनी होगी।
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