*⭕खरसिया विधानसभा क्षेत्र में रेत माफियाओं की मनमानी-अवैध उगाही*
*⭕सरकारी कार्यों-प्रधानमंत्री आवास सहित निजी निर्माण कार्यों में आ रही बाधा*
*⭕आम नागरिक एवँ सरकारी निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार हो रहे परेशान-भवन एवँ आवास निर्माण की बढ़ रही लागत*
*⭕खनिज एवँ पुलिस प्रसाशन पर लगाया वसूली का आरोप-बिना रॉयल्टी रेत परिवहन के नाम पर हो रही वसूली*
*⭕खरसिया विधानसभा में कांग्रेसी कार्यकर्ता कर रहे रेत की* *तस्करी…चपले,सेन्द्रिपाली,पामगढ़,देहजरी, चोढा,एडु, से कृषि कार्य के ट्रैक्टरों में हो रही रेत की कालाबाजारी*
खरसिया/स्वराज टुडे: खरसिया विधानसभा क्षेत्र में लगातार रेत माफियाओं की मनमानी एवँ स्थानीय प्रशासन कि घोर लापरवाही के कारण जहां रेत माफियाओं के होसले बुलंद है वहीं लगातार बिना रॉयल्टी के कृषि कार्य मे उपयोग आने वाले ट्रैक्टरों के माध्यम से रेत के अवैध उत्खनन एवँ परिवहन से सरकारी निर्माण कर्यो एवँ प्रधानमंत्री आवास सहित निजी निर्माण कार्यों में निर्माण लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है।
विगत दिनों छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ बीजेपी नेता एवँ वित्त मंत्री ओपी चौधरी के द्वारा प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए रेत उपलब्ध कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के सम्बंध में विधानसभा में घोषणा किया था। लेकिन आचार संहिता एवँ वाहन जांच के नाम पर स्थानीय पुलिस प्रसाशन एवँ राजस्व-खनिज अमले के द्वारा कार्यवाही के नाम पर वसूली एवँ मनमानी राशि नही दिए जाने पर रेत परिवहन में लगे वाहनों को चालान किये जाने के कारण रेत की कीमत में बढ़ोतरी की बात करते हुए स्थानीय प्रशासन के सेटिंग से कार्य करने वालों रेत माफियाओं के द्वारा खरसिया में 900 रु में दिये जाने वाले रेत की कीमत आज दुगुनी हो चुकी है। पामगढ़ में तो बकायदा ग्रामीणों के द्वारा ट्रेक्टर संचालको से 15 हजार रु वसूली की बात सामने आ रही है।
खरसिया रेत घाटों की नही है रॉयल्टी-खामियाजा भुगत रही जनता एवँ सरकारी निर्माण कार्यो के ठेकेदार
खरसिया में लंबे समय से तारापुर रेत घाट में विगत 10 वर्षों से रेत माफियाओं के द्वारा करोड़ो रु के रेत का अवैध उत्खनन किया जाता रहा है। पूर्व मंत्री एवँ वर्तमान विधायक के सरंक्षण में लगातार खरसिया क्षेत्र में रेत माफियाओं के द्वारा संगठित रूप से स्थानीय प्रशासन पर वसूली का आरोप लगाते हुए रेत की कीमतों में बेतहाशा वृद्धी कर दी गई है।
रेत की कीमतों पर नियंत्रण की उठी मांग
रेत की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण की मांग आम नागरिकों एवं सरकारी कार्यों केठेकेदारों द्वारा जिला प्रशासन से की गई है ताकि सुचारू रूप से निर्माण कार्य किये जा सके। खरसिया क्षेत्र में रेत खानों की रॉयल्टी निर्धारण की मांग भी की गई है ताकि जनता का शोषण रोका जा सके।
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