ग्रेटर नोएडा/स्वराज टुडे: सेना की नौकरी से वीआरएस लेकर करोड़पति बनने के लिए आठ आरोपितों ने करीब 150 लोगों से दो करोड़ रुपये ठग लिए। आरोपित क्यूनेट/विहान नाम की फर्जी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी बनाकर निवेश करने के नाम पर लोगों को करोड़पति बनाने का सपना दिखाते थे।
ईकोटेक-वन कोतवाली पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश कर कब्जे से 10 लैपटाप, 13 मोबाइल फोन, पांच टैबलेट, 30 एटीएम कार्ड, एक करोड़ रुपये का चेक, चार घड़ियां और स्विफ्ट कार बरामद की है। एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार ने ने बताया कि आरोपित सेक्टर-एक और सेक्टर-4 के फ्लैटों में ऑनलाइन फ्रॉड कंपनी चला रहे थे।
किराये पर फ्लैट लेकर रह रहे थे आरोपी
सोमवार को पुलिस ने दबिश देकर आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित पश्चिम बंगाल, झारखंड, गुजरात और पंजाब के रहने वाले हैं। वर्तमान में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अलग-अलग सोसायटी में किराये पर फ्लैट लेकर रहते थे।
लोगों को झांसा देकर अपनी कंपनी में कराते थे निवेश
आरोपित द्वारा लोगों को कंपनी के प्रोडक्ट सोना, हीरे और घड़ियों को खरीदने और बेचने का झांसा देकर निवेश कराते थे। झांसे में आकर जो लोग जुड़े उनसे एक से डेढ़ लाख रुपये जामा कराते थे।
यह भी शर्त रखते थे कि उक्त व्यक्ति को चेन में और दो लोगों को जोड़ना होगा। जुड़ने वाले जो लोग रुपये जमा कर कंपनी से सामान खरीद कर बेचेंगे। उस पर भी मोटा मुनाफा जोड़ने वाले व्यक्ति को मिलेगा।
गिरोह के जाल में बुरी तरह फंस जाते थे लोग
डीसीपी ने बताया आरोपितों द्वारा जिन लोगों को फंसाया जाता था। उनसे गूूगल मीट पर भेजे गए लिंक के जरिए डॉलर या बिटकाइन में राशि जमा कराई जाती थी। जब निवेशकों को मुनाफा नहीं मिलता था, तो आरोपितों द्वारा और प्रोडक्ट खरीदने या लोन दिलाने की पेशकश की जाती थी।
इससे पीड़ित पूरी तरह जाल में फंस जाते थे। प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया आरोपित सेना में किसी बड़े पद पर नहीं थे। बाबू, सिपाही, समेत अन्य पदों पर तैनात थे। गिरोह के तार कहां-कहां जुड़े हैं और अन्य सदस्यों की पहचान के लिए टीमें लगी हैं।
गिरोह के 8 आरोपितों को किया गया गिरफ्तार
1) विधान डागर निवासी ग्राम खुडकासुली, थाना डगवेता, जिला पश्चिमी मिंदनापुर, पश्चिम बंगाल, वर्तमान पता गोल्फ एवेन्यु थाना बिसरख।
2) सतीश शाव निवासी ग्राम मोराबादी, थाना लालपुर, जिला रांची, झारखंड।
3) कल्पेश राजू भाई निवासी ग्राम बावलचूनी, थाना झापी, जिला बनसकाठा।
4) गुरविन्दर सिंह निवासी ग्राम रुमी, थाना चौकीमान, मल्लाहपुर जिला लुधियाना,
5) गुरदीप सिंह निवासी ग्राम तामकोर, थाना मुक्तसर, जिला मुक्तसर पंजाब।
6) कौशिक डागर निवासी ग्राम खडिका सोली, थाना गडबेपता, जिला पश्चिमी मिंदनापुर, पश्चिमी बंगाल,
7) गणेश बेरा निवासी ग्राम नथना, थाना नन्दीग्राम, जिला पूर्वी मिंदनापुर पश्चिम बंगाल और
8) तापस धारा निवासी ग्राम गोविन्दानगर, थाना धारा, जिला पश्चिमी मिदानपुर, पश्चिम बंगाल के रूप में हुई।
बंगाल के युवक को ठगी के बाद दी थी धमकी
डीसीपी ने बताया पीड़ित के भाई प्रवीण कुमार पाल ने मामला दर्ज कराया था कि उनका चचेरा भाई निखिल कुमार पाल सितंबर-2024 में गांव चूहड़पुर में किराए पर रहता था।
आरोपितों ने निखिल को बताया कि उसे बड़ी कंपनी की फ्रेंचाइजी दिला सकते हैं। जिसमें घड़ियां, ज्वैलरी जैसे महंगे प्रोडक्ट बेचे जाते हैं और अच्छा कमीशन मिलता है। जितना ज्यादा पैसा लगाएगा, उतनी अधिक कमाई होगी और बदले में प्रोडक्ट भी मिलेंगे।
झांसे में आए निखिल ने 3.75 लाख, फिर दोबारा 3.75 लाख रुपये दिए। इसके बाद भी उसे कोई प्रोडक्ट मिला और न ही पैसे वापस हुए। पीड़ित ने पैसे वापस मांगे, तो कौशिक डांगर और साथियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
सेना के जवान को भी बनाते थे निशाना
आरोपितों का सेना से बैकग्राउंड जुड़ा है। इसके चलते यह लोग सेना के जवानों से भी संपर्क कर निवेश के लिए फंसाते थे। आरोपितों का कहना था कि लोग जल्द अमीर बनने की चाह में आसानी से इनके झांसे में आ जाते थे। क्यूनेट/विहान कंपनी के खिलाफ दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में जांच चल रही है। राजस्थान और मेघालय समेत अन्य राज्यों में भी इनके खिलाफ मामले दर्ज हैं।
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