छत्तीसगढ़
रायपुर/स्वराज टुडे: रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में पढ़ाई पूरी करने के बावजूद BMLT, DMLT, डायलिसिस और ऑप्टोमेट्री जैसे कोर्स कर चुके सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। मंगलवार को छात्रों ने NSUI के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय पर बिना मान्यता के कोर्स संचालित करने का आरोप लगाया।
मान्यता का झांसा देकर लूटा गया हमारा करियर
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल की मान्यता (NOC) के बिना ही पिछले 6 वर्षों से कोर्स चला रही है। 2019 से अब तक करीब 1000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं इन फर्जी कोर्सों में पढ़ाई कर चुके हैं। पढ़ाई पूरी होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं मिला, जिससे नौकरी और उच्च शिक्षा दोनों में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
3 लाख खर्च किए, लेकिन डिग्री बेकार निकली
सोनी मानिकपुरी, जो BMLT कोर्स की पहली बैच की छात्रा थीं, ने बताया “एडमिशन लेते वक्त कहा गया था कि कोर्स को काउंसिल से मान्यता मिली हुई है। हमने भरोसा कर लिया और तीन लाख से ज़्यादा खर्च कर दिया। अब 6 साल बाद भी न तो रजिस्ट्रेशन मिला, न ही किसी भर्ती में हम एलिजिबल माने जा रहे हैं।”
यूनिवर्सिटी और काउंसिल एक-दूसरे पर टाल रहे ज़िम्मेदारी
NSUI जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने कहा – “रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी बिना NOC के पिछले 6 सालों से पैरामेडिकल कोर्स चला रही है। छात्रों से लाखों की फीस वसूल की गई लेकिन कोई मान्यता नहीं मिली। यह छात्रों के भविष्य से खुला खिलवाड़ है।” जब इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय से सवाल किया गया तो उन्होंने दावा किया कि उनके पास काउंसिल की NOC है। वहीं, छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल ने स्पष्ट किया कि कोई भी मान्यता नहीं दी गई है।
NSUI की चेतावनी: जल्द समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन होगा
NSUI ने मांग की है कि सभी छात्रों को तत्काल रजिस्ट्रेशन दिया जाए, यूनिवर्सिटी पर कानूनी कार्रवाई की जाए, दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। यदि जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो NSUI ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। छात्रों की आवाज़ को दबाया नहीं जाएगा। उनका हक़ मिलेगा या फिर आंदोलन उग्र होगा।
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