उत्तरप्रदेश
अमरोहा/स्वराज टुडे: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के सैदनगली थाना क्षेत्र के ढक्का गांव में मोबाइल पर करीब 45 मिनट से लगातार वीडियो देख रहे 11वीं के छात्र अमन की मौत हो गई। बेड पर लेट कर वीडियो देख रहे छात्र के पास ही पिता भी बैठे थे। बेसुध हुए छात्र के हाथ से मोबाइल छूट कर जमीन पर गिर गया। पिता उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने शुरुआती जांच में मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है।
माता पिता के सामने ही बेसुध होकर लुढ़क गया अमन
अमरोहा के गांव ढक्का गांव से पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, गांव के दिलशाद कुरैशी अपनी पत्नी मुमताज और चार बेटियों और दो बेटे के साथ रहते हैं। हादसे का शिकार अमन (16) दूसरे नंबर का बेटा था। पिता दिलशाद के मुताबिक, रविवार शाम करीब 4 बजे के करीब अमन मेरे मोबाइल पर कमरे में बेड पर बैठकर हॉरर वीडियो देखने लगा। मैं और पत्नी कमरे में ही मौजूद थे। करीब 45 मिनट के बाद अमन मोबाइल देखते हुए अचानक बेड पर लुढ़क गया। मोबाइल हाथ छूट कर जमीन पर गिर गया। जाकर देखा तो शरीर में अकड़न दिखी। बच्चे को लेकर तत्काल एक निजी डॉक्टर के पास ले गए जहां डॉक्टर ने बेटे को मृत बता दिया, लेकिन जिंदगी की आस में संभल के एक निजी अस्पताल ले गए। वहां भी डॉक्टर ने मौत होने की बात कही और मौत का कारण हार्ट अटैक बताया।
पिता ने कहा- पूरी तरह स्वस्थ था बेटा
पिता दिलशाद कुरैशी ने कहा कि बेटा बिल्कुल स्वस्थ था। बीमार भी कम ही होता था। कभी कोई दिल को लेकर परेशानी नहीं हुई। अब हार्ट अटैक कैसे आ गया समझ नहीं आ रहा। कहीं हार्ट अटैक की वजह हॉरर वीडियो तो नहीं यह सवाल मस्तिष्क में बार-बार कौंध रहा है । उधर रात को ही पिता दिलशाद कुरैशी शव को बिना पोस्टमॉर्टम कराए घर ले गए। सोमवार की सुबह शव को गांव में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
ज्यादा मोबाइल देखने से हार्ट बीट में अचानक हो सकता है बड़ा बदलाव
हसनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर ध्रुवेंद्र का इस बारे में कहना है कि परिजनों के मुताबिक जिस तरह से मोबाइल देखते समय छात्र की अचानक मौत हुई है। इससे लक्षण हार्ट अटैक के ही हैं, लेकिन पोस्टमॉर्टम नहीं होने का कारण आधिकारिक नहीं कहा जा सकेगा। डॉक्टरों की मानें तो ज्यादा मोबाइल देखने से हार्ट बीट में अचानक बड़ा बदलाव होने की आशंका रहती है। जिसके कारण वेंट्रीकुलर टैकीकार्डिया भी हो जाता है। ऐसे मरीज को समय रहते इलाज नहीं मिलने पर मौत हो सकती है।
मात्र 16 वर्ष की आयु में हार्ट अटैक
बच्चा हो या जवान , चलते फिरते हार्ट अटैक से मौत हो जाने का यह कोई पहला मामला नहीं है । इस संबंध में डॉक्टर भले ही हार्ट अटैक की कई वजह बताते हैं लेकिन सच्चाई यही है कि पूरी तरह स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के बावजूद बच्चों अथवा युवाओं को कार्डियक अरेस्ट या हार्ट अटैक आ जाना और फिर मौके पर ही दम तोड़ देना कम हैरान करने वाला नहीं है। दूसरे शब्दों में यही कहा जा सकता है कि जिसने इस धरती पर जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है । जन्म के साथ ही व्यक्ति की आयु निर्धारित हो जाती है और उसकी मृत्यु कब कहाँ किस रूप में होनी है ये भी पूर्व से तय रहता है।
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