नई दिल्ली/स्वराज टुडे: पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर की नियंत्रण रेखा एलओसी के पास तोपों का परीक्षण किया. इसमें एसएच-15 और 155 एमएम हॉवित्जर तोप शामिल हैं. इन तोपों को चीन की आरक्षित कंपनी की तरफ से विकसित किया जा रहा है.
इस बात की सूचना अधिकारियों की तरफ से दी गई. उन्होंने कहा कि खाड़ी और यूरोप के देशों के तुर्की के साथ बनाए जा रहे रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, LOC के पास तोपों को आते-जाते देखा गया है. इन तोपों के निर्माण के पीछे चीन और खाड़ी के देशों का सहयोग शामिल है. तोपों की खासियत बताते हुए सूचना दी गई है कि युद्ध की स्थिति में इन तोपों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इन तोपों की सीमा तकरीबन 30 किलोमीटर है. इन तोपों के जरिए हर एक मिनट में 6 राउंड की फायरिंग की जा सकती है. इस तरह के कई तोपों का परीक्षण तोपखाना में किया जा रहा है.
40 सेकंड में 6 गोले दागने की क्षमता
यहां पर नई तकनीक के तोपों का परीक्षण किया जा रहा है. इसमें एम109 की तोप भी शामिल हैं. इस तोप की मारक क्षमता 24 किलोमीटर है. ये तोप मात्र 40 सेकंड में लगभग छह गोले दाग सकती है. अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के तोपों को बनाने के लिए शुरुआत में पश्चिमी यूरोपीय देशों की तकनीकी के जरिए बनाना शुरु किया गया. अब इसके निर्माण में एडवांस वर्जन का इस्तेमाल किया जा रहा है. एसएच-15 तोपों का एक ऐसा प्रकार है जोकि ‘निशाना साधो और भागो’ क्षमता के लिए बेहतरीन है.
तुर्किये की सेना को सुविधा देने के लिए कम वजन वाला टैंक बनाया गया है, जिसमें 105 मिमी की तोप को रखा गया है. ये तोप कवच को भेदने और ज्यादा क्षमता के गोले दाग सकती है. अधिकारियों ने यह भी बताया कि चीन एलवोसी की तरफ पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की कोशिश में जुटा हुआ है. इसके लिए मजबूत बंकरों, यूएवी यानि मानव रहित हवाई वाहनों को शामिल कर रहा है.
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