स्मार्टफोन की लत चुपचाप हमारी मॉर्डन लाइफस्टाइल के लिए एक चुनौती सी बन गई है. जिसने हमारे जुड़ने, काम करने और आराम करने के तरीके को बदल दिया है. फोन पर लगातार एक्टिव रहने के कारण इसकी कीमत हमें चुकानी पड़ती है.
जैसे नींद, मानसिक स्वास्थ्य और यहां तक कि व्यक्तिगत संबंधों को भी प्रभावित करता है. खासकर जवान और युवा वयस्कों के बीच. स्मार्टफोन की लत को सार्वजनिक स्वास्थ्य महामारी कहते हैं. स्पेन ने एक साहसिक कदम उठाने का प्रस्ताव दिया गया है. देश में बिकने वाले सभी स्मार्टफोन पर सिगरेट के पैकेटों की तरह स्वास्थ्य चेतावनी अनिवार्य करना. इस कदम का उद्देश्य अत्यधिक स्क्रीन समय के जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सोच-समझकर उपयोग को प्रोत्साहित करना है.
जो व्यक्ति ज्यादा एक्टिव नहीं रहते हैं और ज्यादा वक्त स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं उन्हें हार्ट और स्ट्रोक का खतरा का काफी ज्यादा बढ़ जाता है. वजन और प्रेशर कंट्रोल में भी रहे लेकिन हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ा रहता है. यह रिसर्च 1990 और 1991 में पैदा हुए 14,500 के बच्चों पर यह रिसर्च किया गया है.
ज्यादा स्क्रीन टाइम की वजह से हो जाएगी दिल की बीमारी
रिसर्च में पाया गया कि जो बच्चे ज्यादा फोन और टैब देखते हैं जिसकी वजह से उनकी फिजिकल एक्टिविटी कम होती है. ज्यादा वक्त फोन पर बिताते हैं. जिसकी वजह से उन्हें गंभीर इकोकार्डियोग्राफी बीमारी होती है. इसलिए फिजिकली इनएक्टिव होते हैं.
इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा
जो बच्चे फिजिकली एक्टिव नहीं रहते हैं. उन्हें काफी कम उम्र में मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज हो जाता है. ऐसे बच्चों में मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे बच्चों में न्यूरोडीजेनेरेटिव की बीमारी और दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा बढ़ता है. आजकल के बच्चे फोन की वजह से समाज से कटते चले जा रहे हैं.
ज्यादा स्मार्टफोन इस्तेमाल करने के नुकसान
● कंप्यूटर विजन सिंड्रोम
● रीढ़ की हड्डी पर गंभीर असर
● स्किन से जुड़ी समस्याएं
● नींद से जुड़ी समस्याएं
● मानसिक तनाव का बढ़ना
● आत्मविश्वास की कमी
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