गुजरात
सूरत/स्वराज टुडे: देशभर में इस समय गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। वहीं सूरत के लालगेट इलाके के सैयदपुरा क्षेत्र में गणेश उत्सव के दौरान एक बड़ी घटना सामने आई है।
यहां एक गणेश पंडाल पर पथराव की घटना हुई है। इससे इलाके में तनाव फैल गया। घटना के बाद हिंदू समुदाय के लोगों ने थाने के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। इसके बाद गुजरात पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 6 साजिशकर्ताओं समेत 33 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आधी रात को घर-घर जाकर ताला तोड़कर पत्थरबाजों को ढूंढ निकाला। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पत्थर फेंकने का आरोप एक अल्पसंख्यक समुदाय के युवक पर लगाया गया है। इस घटना के विरोध में स्थानीय हिंदू युवाओं ने पुलिस चौकी का घेराव किया।
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पथराव के बाद गृहमंत्री ने घटनास्थल का किया दौरा
गणपति पंडाल में पथराव के बाद गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने घटनास्थल का दौरा किया और गणपति आरती में भाग लिया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि सूरत पुलिस टीम और गणेश मंडल के आयोजकों के साथ मिलकर, मैंने उसी गणेश पंडाल में गणेशजी की आरती और पूजा की, जहां पत्थरबाजी हुई थी। गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने इजानकारी दी कि मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 27 अन्य लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने में शामिल थे। शांति भंग करने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
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आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देश
इस दौरान मंत्री ने कहा कि आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा और आश्वासन दिया है कि पुलिस उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेगी। पुलिस ने बताया कि इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है। साथ ही हंगामे के दौरान जहां जरूरत थी, वहां लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। जांच अभी चल रही है और सूरत के सभी क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। जो भी शांति भंग करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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अल्पसंख्यक समुदाय के युवक पर पत्थरबाजी का आरोप
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पथराव एक शरारती युवक ने किया था। उसने कथित तौर पर गणपति मंडप पर पत्थर फेंके थे। इस घटना के बाद नाराज स्थानीय लोगों ने पुलिस चौकी का घेराव किया और कड़ा विरोध जताया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और प्रशासन ने हालात पर करीबी नजर रखी हुई है।
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पुलिस ने किया आंसू गैस का इस्तेमाल
सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि कुछ लोगों ने गणेश पंडाल पर पथराव किया, जिसके बाद झड़प हो गई. पुलिस ने तुरंत उनको वहां से हटा दिया। इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है, जहां जरूरत थी, वहां लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। शांति भंग करने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। चारों तरफ करीब 1,000 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
ऐसी घटनाओं से उठते सवाल…
ऐसी घटनाओं को लेकर आखिर धर्म विशेष के लोगों पर ही आरोप क्यों लगता है ? इतिहास गवाह है कि मस्जिदों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों की जरूरत कभी नही पड़ती लेकिन मंदिरों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की आवश्यकता पड़ जाती है, आखिर क्यों ? अल्पसंख्यक समुदाय के जुलूस, सभा अथवा अन्य किसी भी तरह के आयोजन शांतिप्रिय ढंग से सम्पन्न हो जाते हैं ,लेकिन इसके विपरीत हिंदुओं की कोई शोभायात्रा, कांवड़ यात्रा या किसी भी धार्मिक आयोजनों में अक्सर हमले हो जाते हैं। घर की छतों से कहीं पत्थरों की बारिश होती है तो कहीं से गर्म पानी की बौछारें की जाती हैं । और जब ऐसी घटनाओं की जांच होती है तो फिर आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय के ही निकलते हैं ।
इसमें कोई दो मत नही कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तथाकथित लोगों द्वारा गहरी साजिश रची जाती है ताकि देश में विभिन्न धर्मों के बीच प्रेम सौहार्द और भाई चारे की भावना को प्रभावित किया जा सके। देश में कौमी एकता की मिसाल स्थापित ना हो सके।
ऐसे उपद्रवियों और समाज के दुश्मनों पर लगाम लगाने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार के अलावा समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी सार्थक प्रयास करना अतिआवश्यक है।
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