छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के टी.पी. नगर स्थित विश्व सद्भावना भवन में धुमधाम से हरेली पर्व मनाया गया। इस अवसर पर संस्था प्रभारी ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने कहा कि हरियाली दिवस अर्थात् सावन आता है तो बारिश की रिमझिम लेकर आता है। ऐसे ही परमात्मा कल्प में एक बार आते है पुरुषोत्तम संगमयुग पर हम आत्माओं पर ज्ञान की इतनी वर्षा करते है जो हम आत्माएं विषय वासनाओं में भस्म हो गए थे।
ज्ञान वर्षा कर हमें इतना सुंदर देवताओं जैसा सात्विक और हर्षितमुख बना देते है। इस सावन मास को संगमयुगी रिमझिम को परमात्मा हम पर सुख, शांति, प्रेम का वर्षा करते है इसके लिए परमात्मा का बहुत बहुत शुक्रिया। सहप्रभारी ब्रह्माकुमारी बिन्दू दीदी ने कहा कि अगर हरियाली न हो तो ये जीवन ही न हो। जब प्रकृति हरी भरी हो जाती है तो पैसा लगता है कि पूरे संसार का श्रृंगार किया गया हो। हरियाली के बिना जीवन सोचना भी असंभव है।
इस हरियाली सावन पर पितरो का तर्पण होता है, खास आज के दिन लोग दान पुण्य करते है। और इसमें अपना बहुत बड़ा पुण्य समझते है। आज के दिन किसान भी जिनको अन्नदाता कहा गया है। जो खेतो में बहोत मेहनत करते है। आज के दिन विशेष जब खेतो की जुताई हो जाती है, और बीजारोपण हो जाता है। तो खुशियां मनाते है। और सारे अपने औजार आज समेट कर रखते है। उन्होने कहा कि हरियाली का जो हरा रंग होता है वो प्रेम का प्रतीक होता है। तो परमात्मा जो प्रेम का सागर है, उसके प्रेम की किरणें जब आत्माओं पर पड़ जाती है। तो सभी का हृदय प्रेम से भर जाता है। और हम आत्माओं का कर्तव्य है कि उस प्रेम की गंगा को पूरे विश्व में बहाएं जिससे चारो तरफ विश्व बंधुत्व की भावना हो। और ये विश्व बंधुत्व ही विश्व में फिर से हरियाली लाएगा।
कार्यक्रम में अनेकानेक प्रतियोगिताए आयोजित की गई। जैसे नृत्य, गायन, कविता, भाषण आदि। संस्था के रमा कर्माकर, अनुप गोयल, सूरज, हुकूमत भाई, भरत, ज्योति गुप्ता व अन्य लोगो ने भी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत व संत्तांवना पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर डॉ. के.सी. देबनाथ, कमल कर्माकर तथा संस्था के अन्य सदस्यगण भी उपस्थित थे।
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