ब्लैककैट कमांडो, बख्तरबंद गाड़ियां. अभेद्य किले में तब्दील हुई अयोध्या

- Advertisement -

उत्तरप्रदेश
लखनऊ/स्वराज टुडे: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या पूरी तरह से छावनी में तब्दील में हो गई है. अयोध्या में एंट्री प्वाइंट से लेकर मंदिर प्रांगण तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस और एटीएस कमांडो की तैनाती की गई है.

अत्याधुनिक सुरक्षा यंत्रों का इस्तेमाल किया जा रहा है. अयोध्या पर नजर रखने के लिए ब्लैककैट कमांडो, बख्तरबंद गाड़ियां और ड्रोनों की तैनाती की गई है. एनडीआरएफ की टीम सरयू नदी में मोहड़ा संभाल चुकी है. सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी अयोध्या को अभेद्य किया बना दिया है.

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ देश की कई जानी-मानी हस्तियां भी शिरकत करेंगी. देश के बड़े उद्योगपति से लेकर कई बॉलीवुड स्टार भी शामिल होंगे. ऐसे में सुरक्षा पूरी तरह से चाक चौबंद की जा रही है. शहर के हर एक चौक-चौराहे पर पुलिस और एटीएस कमांडो के जवान तैनात हो चुके हैं. सुरक्षा को देखते हुए शनिवार से अयोध्या में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक भी लग गई है.

अयोध्या की चाक चौबंद सुरक्षा का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वहां होने वाले समारोह के लिए यूपी पुलिस की तरफ से 3 डीआईजी की तैनाती की गई है. इसके अलावा 17 आईपीएस और 100 पीपीएस स्तर के अधिकारी सुरक्षा का मोहड़ा संभाले हुए हैं. इन अधिकारियों के साथ 325 इंस्पेक्टर, 800 सब इंस्पेक्टर और 1000 से अधिक कांस्टेबल भी तैनात हैं.

रेड और येलो जोन में पीएससी बटालियन तैनात

पूरी अयोध्या को रेड जोन और येलो जोन में बांटा गया है. रेड जोन में पीएसी की 3 बटालियन की तैनाती की गई है जबकि येलो जोन में 7 बटालियनों हैं. इसके अलावा पीएसी की तीन म्यूजिक बैंड भी बुलाए गए हैं जो समारोह के दौरान अपने बैंड के जरिए रामलला का स्वागत करेंगे.

यह भी पढ़ें :  सिंगरौली पुलिस की शर्मनाक सलाह की शिकायत एमपी डीजीपी से; पुष्पांजलि के हत्यारों की जल्द हो गिरफ्तारी : ज्योत्सना महंत, कोरबा सांसद

पुलिस के साथ-साथ निजी एजेंसियों को भी सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा दिया गया है. सिक्योरिटी एजेंसी एसआईएस के डायरेक्टर ऋतुराज सिन्हा ने दावा किया कि उन्होंने कुछ ऐसी तकनीक को विकसित किया है जिससे कि मंदिर परिसर में अगर कोई हिस्ट्रीशीटर आता है तो महज कुछ सेकेंड में ही कैमरे से ही उसकी पहचान हो जाएगी.

पल भी अपराधियों को पकड़ लेगी पुलिस

ऋतुराज ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें अपराधियों का एक डेटाबेस तैयार करके दिया है. इस डेटाबेस को हमने अपने टेक्नोलॉजी के साथ अपडेट किया है. इसी के आधार पर यदि कोई भी हिस्ट्री शीटर या ऐसा अपराधी जो पुलिस की नजरों से भागा हुआ है. वह हमारे कैमरे के रडार पर आता है तो हम कुछ ही सेकंड्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से उसकी पहचान कर सकेंगे. उन्होंने दावा किया कि यह डेटाबेस 99.7 फीसदी की सटीकता दर के साथ पंजीकृत अपराधियों के बीच किसी भी संदिग्ध चेहरे की पहचान करने में अयोध्या की सहायता करता है.

फर्जी नम्बर की होगी पहचान

इस नवीनतम तकनीक से उन्नत स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) क्षमताओं वाले कैमरे सरकार के वाहन पंजीकरण डेटाबेस तक पहुंचते हैं. जिसमें चोरी हुए वाहन डेटाबेस भी शामिल है. इससे वास्तविक समय में फर्जी नंबर प्लेट वाले वाहनों की पहचान की जा सकेगी.

भूले भटके लोगों की भी होगी पहचान

फेस डिटेक्शन तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है. इसके लिए निगरानी कैमरों को विशेषता-आधारित खोज करने के लिए इक्विपमेंट लगाया गया है. दावा यह किया जा रहा है कि जरूरी विशेषताओं जैसे कि कपड़े, रंग, सहायक उपकरण, या साथ वाले बच्चों आदि के आधार पर भीड़ से व्यक्तियों की पहचान करता है.

यह भी पढ़ें :  रायपुर के निजी स्कूल अब नहीं चला सकेंगे प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें, डीईओ ने जारी किया आदेश

कहां-कहां काम करती है यह कंपनी?

भारत में आपराधिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में आगे करने के लिए स्टैक, यूपी पुलिस विभाग (विशेष कार्य बल) सहित नौ राज्य विभागों के साथ सहयोग करता है. यह एआई जनरेटेड डाटा की सहायता लेता है. कंपनी का त्रिनेत्र टूल आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चेहरे की पहचान को ऑडियो संकेतों के साथ जोड़ता है.

पहली बार अयोध्या में प्रयोग

अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन में एआई-सक्षम सुरक्षा सेवाओं का प्रावधान स्टैक नई टेक्नोलॉजीज को दिखाता है, जो अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है.

विज्ञापन :

IMG 20240118 WA0059

दीपक साहू

संपादक

- Advertisement -

Must Read

- Advertisement -

Related News

- Advertisement -