
छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विश्व सद्भावना भवन में संस्था के संस्थापक ब्रह्मा बाबा की 56वी पुण्य तिथि विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गयी | इस अवसर पर संस्था के विभिन्न स्थानों के भाई बहने उपस्थित रहे। इस अवसर पर संस्था की संचालिका बी.के. रुक्मणि दीदी ने ब्रह्मा बाबा की विशेषताओ के ऊपर प्रकाश डालते हुए कहा की बाबा अपने समय के सबसे बड़े और प्रसिद्ध व्यापारी थे।
उन्होंने कहा कि बाबा ने अपने सारे जमीन जायजाद बेचकर नारी उत्थान एवं नारी सशक्तिकरण के लिए इस संस्था की नीव रखी और इसकी सञ्चालन की जिममेदारी नारियो को सौंप दी | इतने बड़े त्याग के बाद भी खुद को कभी आगे नहीं रखा | उन्होंने कहा की 18 जनवरी 1969 को 93 वर्ष की आयु में बाबा ने अपना शरीर त्याग कर अव्यक्त हुए |
बी. के. बिंदु दीदी ने कहा की बाबा बचपन से ही कुशल बुद्धि के थे उन्होंने अपने जीवन में 12 गुरु बनाये थे, वह कहते थे की गुरु का बुलावा मतलब काल का बुलावा, उन्हें 60 वर्ष की आयु में नये युग एवं महाविनाश का साक्षात्कार हुआ था | उन्होंने अपनी अंतिम श्वास तक सेवा की थी। वह सत्यनिष्ठा के धनी थे उनका व्यक्तित्व सरल था |
अंत में सभी ने मैडिटेशन कर विश्व में हो रहे प्रकृति के प्रभाव को शांति का दान दिया | संस्था के भाइयो द्वारा ब्रह्मा बाबा की कुटिया एवं उनकी शांति स्तम्ब का मॉडल बनायीं गयी और 300 से अधिक लोगो ने संगठित होकर योग किया |