बद्रीनाथ में क्यों कभी नहीं गरजती बिजली, ना ही भौंक सकता एक कुत्ता तक, सांप-बिच्छुओं में भी नहीं होता जहर का अंश, आखिर क्या रहस्य है इन सबके पीछे ?

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भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित बद्रीनाथ धाम हिंदू धर्म के चार धामों में से एक है। यह पवित्र स्थल हिमालय पर्वत श्रृंखला के बीच स्थित है, और यहां भगवान विष्णु का मंदिर है, जो पूरे हिंदू समुदाय के लिए अत्यंत महत्व रखता है।

बद्रीनाथ धाम की विशेषता केवल धार्मिक महत्व में नहीं, बल्कि इसके प्राकृतिक सौंदर्य और पौराणिक मान्यताओं में भी है। आज हम इस आर्टिकल में बद्रीनाथ धाम से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में बताएंगे, जो न केवल श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों को भी आकर्षित करती हैं।

बद्रीनाथ धाम में कुत्ते नहीं भौंकते

बद्रीनाथ से जुड़ी एक रोचक और अद्भुत मान्यता है कि यहां कुत्ते कभी भौंकते नहीं हैं। यह मान्यता पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है, जिसमें कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने यहां नारायण रूप में अवतार लिया था और उन्होंने कुत्तों को श्राप दिया था कि वे कभी भी बद्रीनाथ धाम में भौंक नहीं सकते। इसके अलावा, एक अन्य मान्यता यह भी है कि बद्रीनाथ में कुत्ते भगवान विष्णु के सेवक माने जाते हैं और उन्हें यहां शांति से रहने का आदेश दिया गया था, इसलिए वे यहां शांत रहते हैं और भौंकते नहीं हैं।

बद्रीनाथ धाम में सांप और बिच्छुओं में नहीं होता जहर

एक और दिलचस्प मान्यता यह है कि बद्रीनाथ धाम में सांप और बिच्छू में जहर नहीं होता। यह मान्यता धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वासों पर आधारित है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने जब यहां अवतार लिया, तो उन्होंने सांपों और बिच्छुओं को आशीर्वाद दिया कि वे यहां जहर नहीं रखेंगे, ताकि श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार का खतरा न हो। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि बद्रीनाथ धाम के प्राकृतिक वातावरण का एक खास संतुलन है, जिसकी वजह से यहां सांप और बिच्छू जहर नहीं रखते।

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पवित्र और भव्य स्थल

बद्रीनाथ धाम समुद्र तल से 3,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और अलकनंदा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और हिमालय की चोटियाँ श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां के अद्भुत दृश्य भी यात्रियों को शांति और सुकून प्रदान करते हैं।

पौराणिक महत्व

बद्रीनाथ धाम की पौराणिक मान्यताएं भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान विष्णु ने अपने शरणागत भक्तों को अपनी उपासना के लिए विशेष आशीर्वाद दिया। विष्णु पुराण और भागवत पुराण में बद्रीनाथ धाम का उल्लेख है, जिसमें इसे एक बहुत ही पवित्र और उत्तम स्थान बताया गया है। इसके अलावा, यहां के आस-पास के क्षेत्रों में भी अनेक मंदिर हैं जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।

प्राकृतिक संतुलन और दिव्यता

स्थानीय लोग मानते हैं कि बद्रीनाथ धाम का वातावरण इतना शुद्ध और दिव्य है कि यहां के प्राकृतिक तत्वों में कोई भी हानि नहीं पहुंचाता। यह स्थान भगवान विष्णु की कृपा से अत्यधिक शुद्ध और सुरक्षित माना जाता है। यहां का शुद्ध वातावरण और धार्मिक महत्व श्रद्धालुओं के मन को शांति प्रदान करते हैं।

बद्रीनाथ धाम न केवल हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, बल्कि इसकी अद्भुत मान्यताएं और धार्मिक वातावरण इसे विशेष बनाते हैं। यहां के कुत्तों का न भौंकना और सांप-बिच्छुओं का जहर रहित होना जैसे विश्वास इसे और भी रहस्यमय और अद्वितीय बनाते हैं। यह स्थल धार्मिक यात्रा के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए भी एक बेहतरीन गंतव्य है।

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दीपक साहू

संपादक

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