नई दिल्ली/स्वराज टुडे: फ्रांस में चुनाव के पहले दौर में राष्ट्रपति मैक्रोन की हार व दक्षिणपंथी राजनीतिज्ञ मरीन ले पेन के जीत हासिल करने के तुरंत बाद मुसलमानों ने दंगे शुरू कर दिए हैं। अल्लाहु अकबर का नारा लगाते हुए सार्वजनिक संपत्तियों को जलाना शुरू कर दिया।उनमें से ज़्यादातर अवैध अप्रवासी हैं जिन्हें फ्रांसीसी वामपंथी पार्टी ने स्वीकार किया है।
कट्टर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन के शिष्य जॉर्डन बार्डेला ने पिछले सप्ताह चुनाव-पूर्व बहस के दौरान घोषणा की कि फ्रांस ‘मैक्रोनवाद के सात वर्षों’ से थक चुका है।कल रात संसदीय चुनावों के पहले दौर के नतीजों से पता चलता है कि वह सही थे।
Islamic Terror in France Elections
Just after Marine Le Pen, a right wing french politician won the first round of elections,
Muslims started rioting, burning public properties while chanting Allahu Akbar.
Most of them are illegal immigrants accepted by the French left wing… pic.twitter.com/ruojoFbx8G
— Sunanda Roy 👑 (@SaffronSunanda) July 1, 2024
आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, ले पेन और बार्डेला की नेशनल रैली (RN) पार्टी ने लगभग 33% वोट जीते, जबकि वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट गठबंधन को 28% वोट मिले – जबकि मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन केवल 20% वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहा। ले पेन ने कल देर रात खुशी-खुशी घोषणा की कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति की पार्टी लगभग ‘समाप्त’ हो चुकी है, क्योंकि वह जीत का जश्न मना रही थीं, और अब आरएन 7 जुलाई को होने वाले दूसरे और अंतिम दौर के चुनावों की तैयारी में जुट गई है।
लेकिन सवाल यह है कि फ्रांस में एक ऐसी पार्टी जो द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी कब्जे के बाद से किसी दक्षिणपंथी सरकार के अधीन नहीं रही है, राजनीतिक स्पेक्ट्रम के उस तरफ क्यों झुक गई है? राष्ट्रपति मैक्रोन ने अपने चौंकाने वाले चुनाव में लोकलुभावन दक्षिणपंथी को हराने के अपने प्रयास में जुआ खेला और असफल रहे, जिससे उनकी पार्टी को चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा।
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