मध्यप्रदेश
छतरपुर/स्वराज: अभी 55 फ़ीट गहरे बोरवेल में गिरे जांजगीर जिला निवासी राहुल साहू के सुरक्षित रेस्क्यू का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ है और अब फिर एक घटना सामने आ गई है । मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में में बुधवार को 5 साल का बच्चा बोरवेल में गिर गया। घटना ओरछा रोड थाना क्षेत्र के नारायणपुरा और पठापुर गांव के पास की है। बारिश की संभावना काे देखते हुए ग्रामीणों ने बोरवेल के ऊपर एक छतरी बना दी है। वहीं बच्चे की मां का रो-रोककर बुरा हाल है।
खेत में खेलते खेलते बोरवेल में गिरा 5 वर्षीय मासूम
उधर इस घटना की सूचना जैसे ही जिला प्रशासन तक पहुंची हड़कंप मच गया । आनन-फानन में पुलिस के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार छतरपुर के नारायणपुरा निवासी अखिलेश यादव का 5 साल का दीपेंद्र यादव बोरवेल में गिर गया है। वह परिवार के साथ खेत पर गया था, जहां खेलते-खेलते वह बोरवेल में गिर गया। ये घटना आज दोपहर करीब ढाई बजे की बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि मासूम दीपेन्द्र यादव 40 फीट की गहराई पर फंसा है। इधर मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई है। पुलिस की टीम भी यहां पहुंची है। बच्चे को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है, लेकिन बारिश आने से इसमें परेशानी आ रही है।
दीपेंद्र को सकुशल बाहर निकालने के लिए हम सब मिलकर प्रार्थना करें- सीएम चौहान
इस घटना की जानकारी राज्य सरकार तक पहुंचने में भी देर नहीं लगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि छतरपुर जिले में मासूम दीपेंद्र यादव के बोरवेल में गिरने का समाचार प्राप्त हुआ है।बेटे दीपेंद्र को सकुशल बाहर निकालने के लिए स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गया है। मुझे विश्वास है कि हम दीपेंद्र को शीघ्र सकुशल बाहर निकाल लेंगे।हम सभी मिलकर प्रार्थना करें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ली रेस्क्यू की जानकारी
सीएम शिवराज सिंह ने अफसरों से रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली हैं। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और कलेक्टर छतरपुर से फोन पर चर्चा कर निर्देश दिए हैं कि बच्चे को शीघ्र निकालने की समुचित व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ की टीम को भी निर्देश दिया है कि वह घटनास्थल पर पहुंचकर बच्चे को निकालने का कार्य प्रारंभ करें।
बार-बार हो रही घटनाओं से कब सबक लेंगे जिला प्रशासन और आम लोग
गौरतलब है कि बोरवेल में मासूम बच्चों के गिरने की पहले भी अनेक घटनाएं घट चुकी हैं । इनमें कोई दैवीय चमत्कार से बच गए तो कुछ उतने सौभाग्यशाली नहीं निकले । ऐसी दर्दनाक घटनाओं की खबरें देशभर में सुर्खियां बनती है लेकिन ये दुर्भाग्यजनक है कि इनसे ना तो प्रशासन सबक लेता है और ना ही आम लोग ।लिहाजा ये दावा नहीं किया जा सकता यह अंतिम घटना है ।
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