दिल्ली/स्वराज टुडे: अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को टेरर फंडिंग के केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने यासीन मलिक को आईपीसी की धारा 121 बी और 121 सी के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं यूएपीए के तहत उसे उम्रकैद की सजा देने के साथ दस लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है. यानी यासीन मलिक को दो मामलों में उम्रकैद की सजा हुई है.
NIA ने की थी यासीन मलिक के लिए फांसी की मांग
बीती 10 मई को यासीन मलिक ने खुद कबूला था कि वह आतंकी गतिविधियों में शामिल था. बाद में 19 मई को यासीन मलिक को आतंकी फंडिंग मामले में NIA कोर्ट ने दोषी करार दिया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कोर्ट से यासीन मलिक को मौत की सजा देने की मांग थी. हालांकि अदालत ने ये मांग नहीं मानी है.
सजा के ऐलान से पहले ही श्रीनगर में हंगामा
उधर मलिक की जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता की सजा के ऐलान से पहले ही जम्मू-कश्मीर में तनाव पसर गया. श्रीनगर के मैसुमा में यासीन मलिक के घर के पास उसके समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. वहां समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें भी सामने आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी के चलते मलिक के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हालात पर काबू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी दागे हैं.
किस सेक्शन के तहत कितनी सजा?
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने यासीन मलिक को दो मामलों में उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. वहीं अन्य सेक्शंस के तहत भी अलग-अलग सजा और जुर्माना लगाया गया है.
– IPC सेक्शन 120B में 10 साल की सज़ा, 10 हज़ार का जुर्माना
– IPC सेक्शन 121 में उम्रकैद की सज़ा, 10 हज़ार का जुर्माना
– IPC सेक्शन 121A में 10 साल की सज़ा, 10 हज़ार का जुर्माना
– UAPA की धारा 13 में 5 साल की सजा, 5 हज़ार जुर्माना
– UAPA की धारा 15 में 10 साल की सज़ा, 10 हज़ार का जुर्माना
– UAPA की धारा 17 में उम्रकैद की सज़ा, 10 लाख का जुर्माना
– UAPA की धारा 18 में 10 साल की सजा, 10 हज़ार का जुर्माना
– UAPA की धारा 38 और 39 में 5 साल की सज़ा और 5 हज़ार का जुर्माना
मलिक पर क्या हैं आरोप ?
ये मामला साल 2017 का है. इसमें मलिक के खिलाफ आतंकी घटनाओं से जुड़ने और कश्मीर घाटी में माहौल खराब करने की साजिश करने का आरोप लगा था. मलिक पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) की धारा 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (आतंकी फंडिंग), धारा 18 (आतंकी गतिविधि की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) के तहत केस दर्ज किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यासीन मलिक के पास इस केस में वकील नहीं था. कोर्ट ने उसके लिए एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया था. न्याय मित्र ने बताया था कि मलिक ने अपने खिलाफ लगे किसी भी आरोप को चुनौती नहीं दी है. कोर्ट ने दूसरे कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ भी आरोप तय किए थे.
यासीन मलिक के अलावा इन लोगों को भी मिली थी ‘कश्मीर की आजादी’ के नाम पर टेरर फंडिंग
मार्च 2022 में आरोप तय करते हुए कोर्ट ने कहा था कि शब्बीर शाह, यासीन मलिक, राशिद इंजीनियर, अल्ताफ फंटूश, मसरत आलम और हुर्रियत/ज्वाइंट रेसिस्टेंस लीडरशिप (JRL) को सीधे तौर पर आतंकी फंडिंग मिली हैं.
कोर्ट ने ये भी कहा था कि इस बात के सबूत हैं कि यासीन मलिक ने ‘कश्मीर की आजादी’ के नाम पर आतंकवादी और दूसरी आतंकवादी गतिविधियों के लिए दुनिया भर से फंडिंग जुटाई. मामले में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के फाउंडर हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी चार्जशीट फाइल की गई थी.
अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का चीफ रह चुका है यासीन मलिक
यासीन मलिक अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का चीफ रह चुका है. केंद्र सरकार ने 2019 में JKLF पर प्रतिबंध लगा दिया था. इससे पहले भी मलिक पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. वो कई बार जेल भी पहुंचा. उस पर कश्मीर में युवाओं को भड़काने से लेकर हाफिज सईद से मुलाकात करने जैसे तमाम गंभीर आरोप लगते रहे हैं. इनमें 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी के अपहरण में भूमिका निभाने का आरोप भी शामिल है. यासीन पर 1990 में भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या का भी आरोप लगा था.
पाकिस्तान से उठने लगीं आवाजें
यासीन मलिक को लेकर पाकिस्तान से आवाजें उठने लगी हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सभी देशों से अपील की है कि वो मोदी सरकार के इस कदम का विरोध करें. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी यासीन मलिक को दोषी ठहराए जाने को लेकर भारत की आलोचना की है.
हाई अलर्ट पर पुलिस और सेना
यासीन मलिक को सजा सुनाने के बाद दिल्ली में भी हाई अलर्ट है. उसे तिहाड़ जेल के बैरक 7 में रखा गया है. उस पर सीसीटीवी से पैनी नजर रखी जाएगी. बुधवार शाम यासीन मलिक को हवालात से कोर्टरूम लाया गया था. जज को पहुंचने में देर होने पर उसे बैठने के लिए कुर्सी दी गई. कुछ देर बात जज आए और फैसला सुना दिया.
इस बीच अदालत के बाहर कई लोग तिरंगा लेकर पहुंचे. सजा का ऐलान होते ही दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर जमा लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए मिठाइयां बांटीं.
यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा मिलने के बाद कश्मीर में तैनात सभी सशस्त्र बलों की छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द कर दी गईं हैं. साथ ही सेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.
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