राजस्थान
चुरू/स्वराज टुडे: चूरू के सरदारशहर के जयसंगसर गांव निवासी विवाहिता के गुमशुदगी मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. जयसंगसर निवासी विवाहिता अपने पीहर मेहरावणसर निवासी अपने प्रेमी के साथ रहेगी. प्रेमी जोड़ा SP दफ्तर पहुंचा और उसने सुरक्षा की गुहार लगाई.
क्या है पूरा मामला
गुमशुदगी मामले में जांच कर रहे हैं हेड कॉन्स्टेबल विजेंद्रसिंह ने मामले की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जयसंगसर निवासी विवाहिता 18 साल की मोनिका ने बताया कि उसका पीहर मेहरावणसर गांव है और उसके गांव का युवक सुखराम सारण और मोनिका एक ही स्कूल में पढ़ते थे. 6 साल पहले उन दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया लेकिन, घरवालों ने 2021 में नाबालिग अवस्था में ही ‘आटा-साटा प्रथा’ के तहत मोनिका की शादी जयसंगसर गांव निवासी नेमीचंद जाट के साथ कर दी.
मोनिका ने बताया कि ‘आटा-साटा प्रथा’ के तहत उसके बदले उसके चाचा की शादी की गई.मोनिका शादी से पहले ही सुखराम सारण के साथ शादी करना चाहती थी लेकिन, घरवालों के दबाव की वजह से मोनिका की शादी आट्टा साटा प्रथा के तहत नेमीचंद से कर दी गई. नेमीचंद मेहरणसर गांव में किराना की दुकान चलाता है.
मोनिका ने बताया कि 23 जुलाई 2024 को वह और उसका प्रेमी दोनों घर से निकल गए और हरियाणा के हिसार चले गए. जहां पर उन दोनों ने लिव इन रिलेशनशिप में साथ रहने के लिए दस्तावेज तैयार करवा लिए. मोनिका ने बताया कि उस पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं है और ना ही उसे किसी भी प्रकार से कोई ब्लैकमेल किया जा रहा है. वह अपने पति नेमीचंद के साथ खुश नहीं है और शादी के बाद से ही नेमीचंद उसे लगातार परेशान करता रहा है.
मोनिका ने कहा अब वह अपने प्रेमी सुखाराम सारण के साथ अपना जीवन बिताना चाहती है. 6 सालों से वह सुखराम को पसंद करती है और सुखराम उसे पसंद करता है. उसने कहा कि शादी के बाद भी उसकी सुखराम सारण के साथ बातें होती थी और अब दोनों ने एक दूसरे के साथ रहने की ठान ली है.’
जानिए क्या है ‘आटा-साटा प्रथा’
कई बार माता-पिता अपने बेटे की शादी नहीं होने की वजह से एक शर्त रखते हैं. जिसके मुताबिक लड़की वालों से कहा जाता है,” आप अपनी बेटी की शादी हमारे बेटे से करेंगे तो हम अपनी बेटी की शादी आपके बेटे से कर देंगे.” आसान भाषा में इसे लड़की के बदले लड़की देना कहा जा सकता है. छत्तीसगढ़ में इसे ‘गुरांवट’ शादी के तौर पर जाना जाता है. प्राचीन काल में पूरे भारत में इस तरह की शादी की परंपरा विद्यमान थी लेकिन आज आधुनिक समाज में ये परम्परा लगभग समाप्ति की ओर है. हालांकि कभी कभार इस प्रथा के तहत शादी की खबरें आ ही जाती हैं.
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