जानिए कौन हैं डीएसपी दीपक सिंह जिन्होंने किया माफिया विनोद उपाध्याय का एनकाउंटर

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उत्तरप्रदेश
लखनऊ/स्वराज टुडे: उत्तर प्रदेश के टॉफ माफियाओं में शामिल विनोद उपाध्याय शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में ढ़ेर हो गया । गुरुवार रात एसटीएफ ने उसे सुल्तानपुर में घेर लिया। इस दौरान इनके बीच गोली चलनी शुरु हो गयी।

घायल विनोद उपाध्याय को सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह गोरखपुर के टॉप टेन माफियाओं में शामिल था। यहां के विभिन्न थानाें में तीन दर्जन से अधिक मामलों में वांछित था। गोरखपुर के गुलरिहा के मोगलहा में इसने अपना ठिकाना बना रखा था। पिछले साल से रंगदारी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार चल रहा था। इस पर एडीजी जोन अखिल कुमार ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। एसटीएफ की पूरी टीम को लीड करने वाले डिप्टी एसपी दीपक सिंह मूलरुप से गोरखपुर के ही रहने वाले हैं।

डिप्टी एसपी दीपक सिंह

माफिया विनोद उपाध्याय का एनकाउंटर करने वाले एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह सीएम सिटी गोरखपुर के ही रहने वाले हैं। यह विनोद उपाध्याय के आपराधिक कारनामों से बहुत पहले से ही परिचित है। चूंकि इसके अपराध का केंद्र गोरखपुर व आस-पास के जिले थे। गोरखपुर में तीन दर्जन से अधिक मामले इसके ऊपर दर्ज हैं।

पिछले सात माह से थी तलाश

एसटीएफ क्राइम ब्रांच और गोरखपुर पुलिस को पिछले सात माह से विनोद उपाध्याय की तलाश थी। ऐसा माना जा रहा है कि वह प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर करने के लिए जा रहा है। इसकी पूरी जानकारी एसटीएफ को मिल गयी और इस सुल्तानपुर में ही ढ़ेर कर दिया गया । मुठभेड़ में विनोद के पास से एक चाइनीज पिस्टल 30 बोर, स्टेन गन 9 एमएम फैक्ट्री मेड, जिंदा कारतूस, खोखा कारतूस और एक स्विफ्ट कार बरामद हुई है. विनोद पर कुल 35 मुकदमे दर्ज थे जिसमें पहला मुकदमा 1999 में दर्ज हुआ था. योगी सरकार द्वारा बनी मोस्ट वांटेड माफियाओं की लिस्ट में विनोद का नाम टॉप टेन माफियाओं की सूची में था।

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दीपक साहू

संपादक

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