* जहां-जहां बघेल को मिली जिम्मेदारी कांग्रेस को हुआ नुकसान
* भ्रष्टाचारी बघेल को पार्टी से बेदखल कर दोबारा पार्टी को स्थापित करने नये चेहरे को मौका क्यों नहीं देता हाईकमान?
रायपुर/स्वराज टुडे: कभी छत्तीसगढ़ में जनता के दिलों पर राज करने वाली कांग्रेस पार्टी का आज पतन होता दिखाई दे रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कांग्रेस आलाकमान की उदासीनता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भ्रष्टाचार और अनाचार। पिछले पांच वर्षों में सत्ता रहते हुए जिस तरह का जनता पर अनाचार भूपेश बघेल ने किया वैसा व्यवहार आज तक कांग्रेस के किसी भी राजनेता और मुख्यमंत्री ने नहीं किया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी का एक लंबा कार्यकाल रहा है। अपनी स्थापना से लेकर लगातार कुछ वर्षों तक पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के नेतृत्व ने पार्टी ने न सिर्फ अपनी एक शाख स्थापित की, बल्कि प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर भी किया। लेकिन समय के साथ वरिष्ठ नेताओं को पार्टी ने किनारे लगा दिया और बघेल जैसे नेता आज भी पुष्पित पल्लवित होते दिखाई दे रहे हैं। एक बात जो हैरान करने वाली है वह यह कि आखिर भूपेश बघेल के पास गांधी परिवार का ऐसा कौन सा राज है कि राहुल गांधी से लेकर सोनिया और प्रियंका भी बघेल के खिलाफ कोई एक्शन लेते नहीं दिखाई दे रहे हैं। बात चाहे प्रदेश संचालन की हो या फिर पार्टी का नेतृत्व करने की। राज्य के नेतृत्व से लेकर पार्टी के नेतृत्व तक हर स्थान पर बघेल असफल हुए और उन्होंने सिर्फ पार्टी को नुकसान ही पहुंचाया है और आज भी नुकसान पहुंचा ही रहे हैं। यह भी सच है कि जहां-जहां पार्टी आलाकमान ने भूपेश बघेल को जिम्मेदारी सौंपी वहां-वहां कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ हुआ है। हमने ऐसे कई उदाहरण देखें हैं। लेकिन कांग्रेस हाईकमान को आज तक यह बात समझ नहीं आ रही है।
बघेल से जुड़ा हर अधिकारी हुआ गिरफ्तार
भूपेश बघेल के मुख्यमंत्रीत्व कार्यकाल पर अगर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ को अब तक इससे अधिक भ्रष्ट मुख्यमंत्री कभी कोई दूसरा नहीं मिला। बघेल ने राज्य में इतना अनाचार किया और भ्रष्टाचार का ऐसा बीज रोपा कि उसकी जड़ें भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भी अपने में दबोच ले गईं। फिर बात चाहे बघेल की करीबी अफसर रही सौम्या चौरसिया की हो य़ा फिर उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और आईपीएस और आईएएस अफसरों की। सभी एक के बाद एक जेल की सलाखों के पीछे गये और सभी आज भी संदेह की नजरों से देखे जा रहे हैं। इससे ज्यादा शर्म की बात एक मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता के लिये क्या हो सकती है कि उनके कार्यकाल में उन्हीं के संरक्षण में हुए भ्रष्टाचार में संलिप्त लोग आज सीबीआई और ईडी की रडार पर है और आये दिन उन्हें अपने बयान देने पुलिस थाने पहुंचना पड़ता है।
नाकामयाब बघेल ने हरवाया विदर्भ
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों ने न सिर्फ कांग्रेस पार्टी बल्कि कांग्रेस आलाकमान की भी आंख खोल दी। जिस भरोसे के साथ राहुल गांधी ने विदर्भ के प्रभारी के रूप में बघेल को जिम्मेदारी सौंपी थी बघेल राहुल के भरोसे पर एकदम उलट बैठे और पार्टी का विदर्भ से सूपड़ा साफ हो गया। कुल मिलकर यह कहा जा सकता है कि अगर पार्टी आलाकमान अभी नहीं संभला और बघेल को किनारे नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं जब पार्टी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
बघेल की तानाशाही समाप्त करने में असफल क्यों हैं राहुल?
राजनीतिक विश्लेषकों से लेकर प्रदेश की जनता तक हर कोई सिर्फ मन में एक ही सवाल लिये घूम रहा है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि राहुल गांधी बघेल की तानाशाही के खिलाफ सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या बघेल ने पांच वर्षों के कार्य़काल में दे दिया कि गांधी परिवार पूरी तरह मुंह में दही जमाये बैठा हुआ है। पार्टी में इतने वरिष्ठ नेता हैं, पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार से लेकर अन्य कई प्रमुख चेहरे हैं जिन्हें पार्टी में अगर मजबूत स्थान मिले तो वह पार्टी को नई दिशा देने में सक्षम हैं। लेकिन राहुल गांधी सिर्फ एक असफल व्यक्ति के ऊपर विश्वास जमाये बैठे हुए हैं।
80 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर दी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ उप सचिव सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया। चौरसिया को राज्य में हुए कथित कोयला ढुलाई घोटाले में कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने इसको लेकर बघेल सरकार को लपेटे में लिया है। बीते दो दिनों में शीर्ष महिला अधिकारियों के खिलाफ ईडी की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। ईडी ने झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की 80 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच कर दी थी।
ईडी का दावा, सौम्या के खिलाफ पर्याप्त सबूत
रिजवी ने कहा कि ईडी ने चौरसिया की हिरासत के लिए एक भूखंड की कथित खरीद का उल्लेख किया, जो आयकर विभाग के दायरे में आता है। चौरसिया पहले ही इस सौदे के बारे में स्पष्टीकरण दे चुकी थीं। ईडी का मानना है कि भूमि खरीद के लिए इस्तेमाल किया गया धन कोयला ढुलाई घोटाले से आया हो सकता है। वहीं, ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडे ने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी के पास मामले में चौरसिया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। गिरफ्तारी के बाद सौम्या चौरसिया को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों के पहरे में स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया।
अडानी से भी करोड़ों रुपये डकार गये बघेल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट किया है कि जिस डील की बात अमेरिकन दस्तावेजों से सामने आई है, वह 2021 में कांग्रेस सरकार में हुई थी। भूपेश बघेल हमेशा की तरह सफेद झूठ बोल रहे हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है। वे बोलते रहे हैं। बड़ी बात यह है कि हमेशा की तरह कांग्रेस चोरी और सीनाजोरी दोनों कर रही है। या तो अमेरिकन एजेंसी के तथ्य गलत हैं, अनेक ऐसे कारण हैं, जिससे यह कह सकते हैं कि उसके तथ्य गलत हैं।
*विजया पाठक की रिपोर्ट*
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