जम्मू कश्मीर
कठुआ/स्वराज टुडे: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सुरक्षाबलों पर हमले में शामिल दोनों आतंकियों को मार गिराया गया है. ये दोनों आतंकी पाकिस्तान से सीमा पार करके सांबा सेक्टर के रास्ते पैदल ही कठुआ पहुंचे थे.
इस दौरान उन्हें प्यास लगी तो वे सैदा सुखल गांव के पास थोड़ी देर रुक गए और घर-घर जाकर पानी मांगा. हालांकि इस गांव से गुजर रहे सुरिंदर दो अंजान लोगों को देखकर चौकन्ना हो गए और उन्होंने सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया.
सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया
पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से पास स्थित इस गांव के लोगों की वजह से ही कठुआ में एक बड़ी घटना टल गयी और पुलिस को वक्त रहते आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिल गई. सुरक्षाबलों ने एक संदिग्ध आतंकी को तो मंगलवार शाम को मार गिराया. वहीं उसके साथ आए दूसरे आतंकी को करीब 17 घंटे तक चले अभियान के बाद बुधवार दोपहर ढेर कर दिया. इस मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया और साथ ही एक नागरिक भी घायल हो गया.
सुरिंदर की सतर्कता से बच गयी अनेक लोगों की जान
गांव से गुजर रहे सुरिंदर की आतंकियों पर पड़ी नजर
प्राप्त जानकारी के मुताबिक घटना के वक्त सुरिंदर नामक शख्स इसी गांव से गुजर रहा था और उसने ही तुरंत सुरक्षाबलों को आतंकियों की खबर दी थी. सुरिंदर ने कहा, ‘मैंने गांव में आतंकवादियों के होने की सूचना फैला दी, जिस कारण एक बड़ी घटना टल गई. कई बच्चे खेल रहे थे और लोग बाहर घूम रहे थे. वे (आतंकवादी) आसानी से 15 से 20 लोगों को मार सकते थे, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे. लोग शाम को सत्संग के लिए जा रहे थे. यह भयानक हो सकता था.’
सुरिंदर अपनी मोटरसाइकिल से गांव लौट रहे थे, तभी उनका सामना हथियारबंद आतंकियों से हुआ था. आतंकियों ने सुरंदिर से पानी मांगा, जिसके बाद उसे उनके व्यवहार पर शक हुआ. इसके बाद उसने गांववालों को अलर्ट कर दिया.
बच्चे ने सुरिंदर को आतंकियों के बारे बताया
सुरिंदर ने कहा, ‘शाम के करीब साढ़े सात या पौने आठ बजे थे. मैं अपनी बाइक पर था कि तभी एक बच्चे ने मुझे गांव में दो हथियारबंद युवकों के बारे में बताया. मैंने उन्हें काले कपड़े पहने और एके राइफलों के साथ देखा. वे मुझे अपने पास बुला रहे थे. मुझे संदेह हुआ कि वे आतंकवादी हैं और मैंने गांव वालों को इसके बारे में बताया, जिसके बाद वे तुरंत अपने-अपने घर भाग गए. दुकानें बंद हो गईं और वाहनों की आवाजाही बंद हो गई.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे अलर्ट करने के कुछ ही पलों बाद आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने कई गोलियां चलाईं, जिससे एक स्थानीय व्यक्ति के कंधे में चोट लग गई और उसके बाद एक धमाका हुआ.’
कठुआ में मच जाता कत्लेआम
सुरिंदर ने तुरंत जिला विकास समिति के एक सदस्य को सूचित किया, जिसने पुलिस को घटना की सूचना दी. पुलिस तुरंत पहुंची और एक आतंकवादी को मार गिराया गया जबकि दूसरा भाग निकला. उन्होंने कहा, “समय पर सूचना देने के लिए भगवान का शुक्र है.’ सुरिंदर ने कहा, ‘अगर आतंकवादी दिन में आते तो हालत और भी खराब हो सकती थी, क्योंकि सुबह के वक्त भीड़भाड़ होती है. देर रात 3 बजे फिर से गोलीबारी हुई, जिसमें सीआरपीएफ का एक अधिकारी शहीद हो गया.’
इस आतंकी हमले से गांव में दहशत
इस आतंकी हमले से गांव वालों में डर का माहौल है. उनका मानना है कि आतंकवादियों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सुरक्षा बाड़ को पार कर सुरंग के जरिये घुसपैठ की होगी. गांव में रहने वाले त्रिलोक चंद ने कहा, ‘अब घुसपैठ का डर है. इस इलाके में लंबे समय से ऐसी घटनाएं नहीं हुई हैं. यह अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब है. सरकार को पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.’
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