छत्तीसगढ़
कोरबा/स्वराज टुडे: कोरबा जिले के कटघोरा वनमंडल के केंदई रेंज में हाथी समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। यहां के कोरबी सर्किल में 49 हाथियों का दल फिर से पहुंच गया है। जानकारी के अनुसार रात्रि में अचानक पहुंचे हाथियों के इस दल ने कोरबी एवं आसपास के गांव में ग्रामीणों के खेतों में वहां पककर तैयार धान की फसल को रौंद दिया है।
ग्रामीणों द्वारा हाथियों के आने तथा फसल रौंदे जाने की सूचना दिए जाने पर वन विभाग का अमला अलर्ट हो गया है और गजदल की निगरानी करने के साथ ही नुकसानी के आंकलन में जुट गया है। बड़ी संख्या में हाथियों की क्षेत्र में मौजूदगी से ग्रामीण काफी दहशत में हैं।
वहीं वन अमला उन्हें सतर्क करने के लिए मुनादी कराने का काम शुरू कर दिया है। हाथियों के क्षेत्र में आने की सूचना मिलते ही विभाग अलर्ट मोड में है और हाथियों की सतत निगरानी में जुट गया है। कोरबी सर्किल में 49 हाथियों के अलावा एक लोनर हाथी मदनपुर क्षेत्र में विचरण कर रहा है, जिसकी निगरानी भी विभागीय कर्मचारियों द्वारा की जा रही हैं।
हाथी ने दो मासूम बच्चों को उतारा मौत के घाट
उधर सूरजपुर जिले से एक दुखद खबर सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक प्रेम नगर के वार्ड क्रमांक 15 के नजदीक मुल्की पहाड़ की तराई में झोपड़ी बना निवासरत पण्डो बस्ती में शनिवार की रात 11 सदस्यीय हाथियों का दल पहुंचा। इस बस्ती में भिखु पण्डो 5 बच्चों, पत्नी के साथ झोपड़ी में निवास करता है। हाथी जब इसके घर के समीप पहुंचे तो भिखू पण्डो और उसकी पत्नी तीन बच्चों को लेकर भागने में सफल रहे जबकि 11 वर्षीय पुत्र देशू राम और 5 वर्षीया पुत्री काजल नहीं भाग पाए और जान बचाने झोपड़ी में ही छुप गए, जिन्हें हाथियों ने मौत के घाट उतार झोपड़ी को तहस नहस कर दिया। हाथी रात भर उत्पात मचाने के बाद जंगल की ओर चले गए। हाथियों के जाने के बाद पीड़ित परिवार वापस बस्ती में लौटा और नजारा देख उनकी छाती फटने लगी। दोनों बच्चों का शव पड़ा हुआ था। खबर पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और परिजनों को 50 हजार रुपए का तत्कालीन मुआवजा राशि प्रदान किया।
यह भी पढ़ें: जिस महिला को उसका पति नहीं रखता, इज्जत नहीं करता उसकी कोई भी इज्जत नहीं करता…ये कहकर महिला ने लगा ली फाँसी
यह भी पढ़ें: नूतन राजवाड़े के पेट्रोल पंप का लाइसेंस निरस्त, पेट्रोल पंप का आंशिक हिस्सा शासकीय भूमि पर निर्मित
Editor in Chief