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एक युवती ने आरक्षक पर शादी का झांसा देकर 7 साल तक दैहिक शोषण और दो बार गर्भपात कराने का लगाया आरोप…दहेज के रूप में 4 लाख, सोने की चैन व अंगूठी और बुलेट लेकर शादी से मुकर गया आरक्षक

* बुधवारी निवासी पुलिस आरक्षक विकास केशरवानी शादी का झांसा देकर सालों तक लुटता रहा युवती की अस्मत…

* एक अन्य युवती को भी बना चुका है अपना शिकार

कोरबा/स्वराज टुडे:  प्रदेश के कोरबा जिले में एक पुलिस आरक्षक की मनमानी हद से ज्यादा बढ़ गई है। अपने पद का धौंस दिखाते हुए बुधवारी निवासी आरक्षक विकास केशरवानी ने एक युवती का शादी का झांसा लगातार सात साल तक दैहिक शोषण किया। दो बार गर्भपात कराने के साथ ही सगाई किया और दहेज के रुप में चार लाख रुपए,सोने की अंगूठी,चैन और बुलेट वाहन भी ले लिया। अब जब शादी करने की बात आई तब वह मुकर रहा है। पुलिस आरक्षक का दूसरी युवती के साथ अफेयर चल रहा है उसके साथ भी आरक्षक ने शारीरिक संबंध बनाए हैं और गर्भपात भी करवाया है।

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आरक्षक विकास केशरवानी, आरोपी

पीड़ित युवती ने बताया कि जब वह नाबालिग थी तब आरोपी आरक्षक उसके आगे पीछे घूम करता था । प्यार करता हूँ और शादी करना चाहता हूं बोलकर उसे एक बार अपने घर ले गया जहां उसने जबरन उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। उसके बाद वो 7 साल तक उसका दैहिक शोषण करता रहा । इस बीच वो दो बार गर्भवती भी हुई तो उसने शादी का आश्वासन देकर गर्भपात करवा दिया।

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जब युवती ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी तब आरक्षक विकास केशरवानी ने उसे पुनः अपने झांसे में लेकर मंदिर में उसकी मांग भरी और शादी के लिए नोट्रिफिकेशन भी करवाया । लेकिन जब उसने विकास से सामाजिक रीति रिवाज से विवाह करने और उसे अपने साथ रखने की बात कही तब उसके परिवार वालों ने मेरे पिताजी से दहेज स्वरूप चार लाख रुपए नगद एक बुलेट और सोने की चेन व अंगूठी मांगी ।उसके पिता ने उनकी यह मांग पूरी कर दी लेकिन बाद में विकास और उसके परिजन शादी करने से मुकर गए।

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अपना सब कुछ लुटाने के बाद जिस तरह से युवती को धोखा मिला है उससे आहत होकर युवती अपने परिजनों के साथ एसपी के पास पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। युवती ने बताया कि वर्तमान में आरक्षक विकास केसरवानी राजनांदगांव में पदस्थ है। वहीं एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने युवती को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है।

पीड़ित युवती और उसके परिजनों का ये भी कहना है कि वे सीएसईबी चौकी, सीविल लाईन थाना और महिला थाना भी गए लेकिन मामले में आरोपी आरक्षक के विरुद्ध  एफआईआर दर्ज करने की बजाय उन पर समझौता करने का दबाव बनाया गया। थक हारकर वे अब न्याय की गुहार लगाने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे हैं

 

Deepak Sahu

Editor in Chief

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