छत्तीसगढ़
जांजगीर-चांपा/कोरबा: दूसरों को तकलीफ में देखकर यदि किसी के मन में पीड़ा हो और वह अपने सामर्थ्य अनुसार उसकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए तो निश्चित ही मानवता सार्थक हो जाती है। कुछ इसी तरह का वाक्या आज सुबह चांपा शहर में हुआ। जब मानसिक रूप से कमजोर महिला एक नवजात को जन्म देकर सड़क पर पड़ी थी। नवजात के रोने की आवाज सुनकर एक पत्रकार ने मितानिन और एक अन्य महिला के सहयोग से जच्चा और बच्चा को बीडीएम अस्पताल पहुंचा कर मानवता की मिशाल पेश की।
जानिए क्या है पूरा मामला
चांपा के वार्ड नंबर 25 मंझली तालाब के पास मानसिक रूप से कमजोर एक महिला नवजात को जन्म देकर अचेत पड़ी हुई थी। वहीं नवजात के रोने की आवाज आसपास में गूंज रही थी। तभी मार्निंग वाक से लौट रहे पत्रकार राजेन्द्र जायसवाल ने वहां जाकर देखा तो वहां नवजात बिलख रहा था और उसकी मां अचेत पड़ी हुई थी।
लिहाजा बिना देरी किये राजेन्द्र जायसवाल ने मितानिन सीता यादव व एक सहयोगी महिला यास्मीन बेगम को वहां बुलाया। फिर 108 की टीम को कॉल किया। लेकिन 108 टीम के आने में विलंब लग रहा था। ऐसे में तत्काल ऑटो रिक्शा बुलाकर मितानिन व एक अन्य महिला की मदद से जच्चा बच्चा को स्थानीय बिसाहू दास महंत हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद जच्चा बच्चा दोनों को सकुशल बताया।
बाल कल्याण समिति को दी गई सूचना
इसके बाद राजेंद्र जायसवाल ने बाल कल्याण समिति जांजगीर के सदस्य सुरेश जायसवाल को फोन के माध्यम से पूरे मामले की जानकारी दी । इसके उपरांत चाइल्ड लाइन जांजगीर की टीम तत्काल बीडीएम हॉस्पिटल पहुंची और नवजात शिशु एवं महिला को देखा। उन्होंने जच्चा व बच्चा की उचित देखभाल के लिए उन्हें जिला अस्पताल जांजगीर रेफर किया गया।
अस्पताल पहुंचकर पुलिस ने जच्चा बच्चा का जाना हाल
इधर, इस पूरे मामले की जानकारी चांपा पुलिस थाना पहुंची। तब डयूटी में तैनात प्रआर. गणेश कौशिक, माखन साहू, प्रआर. सरस्वती जांगड़े, आर. शकुंतला मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक जच्चा व बच्चा आटो में सवार होकर अस्पताल के लिए रवाना हो गए थे। चांपा पुलिस की टीम ने अस्पताल जाकर जच्चा बच्चा का कुशलक्षेम जाना और अस्पताल प्रबंधन से मामले की जानकारी ली। पुलिस की टीम ने अस्पताल प्रबंधन से जच्चा बच्चा का उचित उपचार करने की बात कही।
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