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संसदीय परंपरा का पूर्ण ज्ञान, छग की संस्कृति को नहीं समझने वाले गलत प्रचार कर रहे- डॉ चरण दास महंत

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नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा-विशुद्ध छत्तीसगढिय़ा वाक्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा

कोरबा/स्वराज टुडे: छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अपने बयान को तोड़-मरोडक़र प्रचारित-प्रसारित करने वालों को स्पष्ट किया है कि उन्हें छत्तीसगढ़ की रीति-नीति व संस्कृति का शायद ज्ञान नहीं है, इसलिए उनके सहज व विशुद्ध छत्तीसगढिय़ा वाक्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।
डॉ. महंत ने कहा कि मैं विशुद्ध रूप से छत्तीसगढिय़ां संस्कृति में रचा-बसा हूूं। छत्तीसगढ़ की भाषाशैली का उपयोग करते समय बीच-बीच में निर्धारित प्रयोग लक्षणा-व्यंजना में आने वाले शब्दों के साथ बात करता हूं। छत्तीसगढिय़ों में एक प्रचलित वाक्य जैसे-लउठी धर के दउड़ा न…, मार न टूरा ला… जैसे कई वाक्य सहज रूप से उपयोग में लाए जाते हैं लेकिन जो लोग छत्तीसगढ़ की रीति-नीति, भाषा संस्कृति को नहीं समझते, ऐसे मीडिया प्रतिनिधियों के द्वारा गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है।
डॉ. महंत ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री के पद और संसदीय परंपरा और गरिमा का पूरा ज्ञान है। मैं स्वयं 4 बार सांसद, 5 बार विधायक रहा और स्पीकर के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष होने के नाते संवैधानिक गरिमा का भी ख्याल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कईयों बार व्यक्तिगत मुलाकातें हुई है और वे मुझे भी व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं। एक पढ़ा-लिखा आदमी गलत बयानबाजी कैसे कर सकता है। डॉ. महंत ने मोदी जी के साथ की एक फोटो साझा करते हुए कहा कि जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और मैं भारत सरकार में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री था तो उनके ही प्रदेश गुजरात के आणंद में आयोजित कार्यक्रम में काफी आत्मीयता से मुलाकात हुई। ऐसे व्यक्ति जो केवल भाजपा के नहीं बल्कि हर दल के लिए प्रधानमंत्री हैं, उन पर गलत टिप्पणी तो करने का सवाल ही नहीं उठता। राजनीति की आड़ लेकर मुझ जैसे सीधे-साधे और सरल-सहज छत्तीसगढिय़ा व्यक्ति की छवि और शीर्ष नेताओं के साथ संबंधों को खराब करने का काम न करें।

Deepak Sahu

Editor in Chief

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