
महाराष्ट्र
शिरडी/स्वराज टुडे: शिरडी में साईबाबा के दरबार में भक्तों की संख्या में पिछले कुछ समय से भारी कमी देखी जा रही है। जबकि देशभर के प्रमुख तीर्थस्थलों पर भक्तों की भीड़ बढ़ी है, शिरडी में इसके विपरीत संख्या घट रही है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है।
इस बदलाव को लेकर शिरडी के व्यापारियों, ग्रामवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में चिंता बढ़ गई है। उन्होंने इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा करने के लिए एक बैठक आयोजित की, जिसमें सुधार के उपायों पर विचार किया गया।
बैठक में प्रमुख पत्रकार सुरेश चव्हाणके ने कहा कि साईबाबा के खिलाफ चल रहे नकारात्मक प्रचार का असर शिर्डी की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। उन्होंने शिर्डी को एक धार्मिक तीर्थस्थान के रूप में विकसित करने की आवश्यकता जताई, ताकि यह स्थान फिर से साईभक्तों का मुख्य आकर्षण बन सके। इसके अलावा, नाशिक कुंभमेले के दौरान शिर्डी में भक्तों को आकर्षित करने के लिए एक रणनीति बनाने की योजना बनाई गई। इसके तहत, एक वेबसाइट, डिजिटल प्रचार अभियान और एक वॉर रूम तैयार करने की बात की गई। इसके साथ ही, शिर्डी में भक्तों की संख्या बढ़ाने के लिए सभी संगठनों और प्रशासन को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता जताई गई।
सुरेश चव्हाणके ने अपने ट्रस्ट के माध्यम से इस पहल के लिए 21 लाख रुपये की राशि दान देने का ऐलान किया है। यह कदम शिर्डी को फिर से एक प्रमुख तीर्थस्थल बनाने के प्रयास का हिस्सा है।
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