मम्मा का आदर्श जीवन से होता था मार्गदर्शन
कोरबा/स्वराज टुडे: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के टी.पी नगर स्थित विश्व सद्भावना भवन में संस्था की प्रथम पूर्व मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगतअम्बा सरस्वती जिन्हें स्नेहभाव और गुणवश मम्मा कहा जाता था, उनकी 59वीं पुण्य स्मृति दिवस मनाई गई। संस्था प्रभारी ब्रह्माकुमारी रूक्मणी दीदी ने स्नेहपूर्ण श्रद्धांजलि दी और कहा कि मातेश्वरी मम्मा ने किसी भी सेवा के लिए कभी न नही किया उनका हॉ जी का पार्ट हमेशा पक्का था।
संकल्पो से भी वह अचल अडोल थी। उन्होने अपने पैक्टिकल जीवन से अनेको के जीवन का मार्गदर्शन कर श्रेष्ठ बनाया। जब कोई सिखाने की बात आती थी तो उन्होने करके फिर सिखाया। मम्मा का स्वभाव सरल, सकारात्मक और शक्तिशाली था तो वही प्रेम, वात्सल्य की प्रतिमुर्ति थी। उनके दर्शन मात्र से ही लोग अपने जीवन को सात्विक बनाने का द्रढ संकल्प ले लिया करते थे।
ब्रह्माकुमारी लीना बहन उनके गुणों को याद करते हुए कहा कि मम्मा हमेशा समय, श्वॉस, और संकल्पो की बचत करती थी। उन्होने कभी अपने सोच को नकारात्मक व व्यर्थ जाने नहीं दिया। मम्मा ज्ञान, गुणो व शक्तियों की संपन्न देवी थी। उनके जीवन से पवित्रता का प्रकाश बिखरत्ता और उनके शुद्ध विचार, द्रष्टि, बोल ओर कर्म लोगो को दिव्य बनने की शक्ति प्रदान करता था। इस अवसर पर संस्था के समस्त भाई बहनो ने मम्मा की तस्वीर पर पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि देकर अपने मनोभाव व्यक्त किये।
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