
मध्यप्रदेश
सागर/स्वराज टुडे: गोपालगंज थाना क्षेत्र में बस स्टैंड से आ ही एक बस की चपेट में आने से बाइक सवार पिता और सात वर्षीय बेटे की मौत हो गई। युवक की पत्नी का तीन दिन पहले प्रसव हुआ था, वह अस्पताल में भर्ती है। उसे ही खाने देने के लिए जब वह जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ।
हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने बस ड्राइवर के साथ मारपीट की। इसके बाद मृतक के स्वजन को पचास लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर चक्काजाम कर दिया।
अस्पताल में भर्ती पत्नी को खाना देने जा रहा था
जानकारी के मुताबिक कृष्णगंज के रहने वाले बबलू यादव की पत्नी की यहां तीन दिन पहले बेटी का जन्म हुआ था। उसकी पत्नी जिला अस्पताल में भर्ती है। बबलू अपने साथ 7 वर्षीय बेटे के साथ खाना देना जा रहा था।
दूसरी आर डा. हरी सिंह गौर अंतरराज्यीय बस स्टैंड से बस रवाना हुई थी। यह बस जब रैन बसेरा होटल के यहां पहुंची तो पीछे वाले पहिया के नीचे बबलू की बाइक आ गई। हादसे में बबलू की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं उसकी कुछ देर पश्चात उसके बेटे ने भी दम तोड़ दिया।
हादसे की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। उन्होंने बस ड्राइवर की साथ मारपीट की। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि जब बस रैन बसेरा के यहां मुड़ रही थी, तभी ग्वाली मोहल्ला की ओर से बाइक सवार आ रहा था।
सीसीटीवी में नजर आया हादसा
बस मुड़ने के दौरान पीछे पहिया में बाइक सवार घुस गया, हादसे में बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें बाइक सवार अनियंत्रित होकर बस के नीचे आ गया और पिछले पहिए के नीचे दब गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में लिया है।
मुआवजे की मांग को लेकर चक्काजाम
हादसे के बाद ग्वाली मोहल्ले के लोगों ने कटरा से सिविल लाइन की ओर जाने वाले मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। लोगों की मांग है कि पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी या पचास लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
लोगों का कहना है कि बबलू अपने घर में अकेला कमाने वाला है। वह पुताई का काम कर के घर चलाता था। अब घर में उसकी पत्नी, तीन दिन के बेटी, 80 साल की मां व एक विक्षिप्त भाई है। भगवानदास ही घर में अकेला कमाता था। उसके निधन से पूरे परिवार बेसहारा हो गया।
बस स्टैंड को वापस पुराने जगह लाने वाले मुआवजा दें
चक्काजाम करने वालों का कहना है कि जिला प्रशासन ने बस स्टैंड को शहर से बाहर पुराने आरटीओ के पास भेजा था, लेकिन बस संचालकों ने ही हड़ताल कर यहां वापस लाए। उन्होंने प्रशासन के समक्ष यह शर्त रखी थी कि शहर के अंदर यदि काेई हादसा होता है तो उनकी जिम्मेदारी रहेगी। ऐसे में इस हादसे के बाद पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने का काम बस मालिक करें।
यह भी पढ़ें: थक गया हूं, अब नहीं चलाऊंगा. कुंभ मेला ट्रेन को छोड़कर चला गया ड्राइवर, जानें फिर क्या हुआ?
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के बीजापुर के जंगल में मुठभेड़, 12 नक्सलियों को किया ढेर
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी के साथ हमेशा साएं की तरह साथ रहती है ये महिला, जानिये आखिर कौन है ये?

Editor in Chief